कश्मीर में हुआ बदलाव! 365 आतंकी ढेर, तो इतने जवान हुए शहीद

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को कश्मीर लॉकडाउन मामले को लेकर सुनवाई हुई, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस दौरान कश्मीर से जुड़े कुछ आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा।

Update: 2019-11-21 13:25 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को कश्मीर लॉकडाउन मामले को लेकर सुनवाई हुई, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस दौरान कश्मीर से जुड़े कुछ आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस साल घाटी में 365 आतंकवादी मारे गए हैं, कुल 71038 आतंकियों के घाटी में सक्रिय रहने की जानकारी थी।

सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया...

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि कश्मीर घाटी में 14,000 नागरिक भी मारे गए और 5,292 जवान शहीद हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात पर काबू रखने के लिए कुछ पाबंदियां जरूरी हैं, कई अधिकार ऐसे हैं, जो कश्मीर के लोगों को पहली बार मिले हैं।

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आजादी के बाद 20,000 पाकिस्तानी बने हिन्दूस्तानी...

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 20,000 लोग जो आजादी के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आए थे, उनको भी नागरिकता का लाभ मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि हम सीमा पार आतंकवाद के शिकार हैं, आतंकवादी उन स्थानीय लोगों की मदद लेते हैं, जिनकी अलगाववादी मानसिकता है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त से जारी सख्ती में 17 अगस्त से ढील देनी शुरू कर दी गई थी।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के लगभग 100 दिन हो गए है, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में इंटरनेट सेवा बंद है, जिसके चलते आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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आपको बता दें कि यह पहला दफा नहीं है जब कश्मीर घाटी में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है, इससे पहले सुरक्षा बलों के साथ आतंकियों की मुठभेड़ होने, स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन करने और आतंकी हमले के मद्देनजर कई बार इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। फिलहाल कश्मीर में लगी पाबंदियों से कारोबारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पाकिस्तान की चाहत नहीं हो रही कम...

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा, आर्टिकल 370 को हटाये लगभग 100 दिन का वक्त हो गया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की चाहत कम नहीं हो रही है, प्रतिदिन सीमापार से नई नई चाल चली जा रही है।

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