तेल का खेल: केंद्र से ज्यादा Tax ले रहे राज्य, स्वामी ने अपनी ही सरकार को घेरा
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के पीछे केंद्र और राज्य सरकारों की टैक्स वसूली को बड़ा कारण माना जा रहा है। हालत यह है कि नेपाल में तेल भारत से ही भेजा जाता है मगर वहां भी तेल भारत से सस्ता बिक रहा है।
नई दिल्ली: तेल की बढ़ती कीमतें लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार बारहवें दिन हुई बढ़ोतरी से साफ है कि लोगों को जल्द इससे निजात नहीं मिलने वाली।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर अपनी ही सरकार को घेरा है। उन्होंने बढ़ती कीमतों को जनता के शोषण का हथियार बताया है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के पीछे केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से वसूले जाने वाले टैक्स की बड़ी भूमिका है। हालत यह है कि कई राज्य केंद्र से भी ज्यादा टैक्स वसूल रहे हैं। इसी का नतीजा है कि राजस्थान में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से ऊपर पहुंच गई है।
भारत से जाने वाला तेल नेपाल में सत्ता
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के पीछे केंद्र और राज्य सरकारों की टैक्स वसूली को बड़ा कारण माना जा रहा है। हालत यह है कि नेपाल में तेल भारत से ही भेजा जाता है मगर वहां भी तेल भारत से सस्ता बिक रहा है।
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इंडियन आयल कारपोरेशन की ओर से नेपाल में भेजे जाने वाले तेल को खरीद मूल्य पर ही भेजा जाता है। नेपाल से सिर्फ रिफाइनरी शुल्क ही दिया जाता है। नेपाल में पेट्रोल और डीजल की सस्ती कीमतों के कारण सीमावर्ती जिलों में इसकी तस्करी भी शुरू हो चुकी है।
सरकारों ने बना लिया कमाई का जरिया
केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों ने भी पेट्रोल और डीजल को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। राजस्थान में पेट्रोल पर 33 फ़ीसदी वैट वसूला जा रहा है। यहां पर डीजल पर वसूला जाने वाला वैट 26 फीसदी है। इसी तरह आंध्र में पेट्रोल पर 31 फीसदी और डीजल पर 22.25 प्रतिशत वैट की वसूली की जा रही है।
मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर वैट की दर 33 फ़ीसदी है जबकि डीजल पर 23 फ़ीसदी। दिल्ली में पेट्रोल पर 30 फीसदी टैक्स है जबकि कर्नाटक में पेट्रोल पर 35 फ़ीसदी टैक्स और डीजल पर 24 फ़ीसदी टैक्स वसूला जा रहा है।
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केंद्र भी वसूल रहा भारी भरकम टैक्स
राज्यों के टैक्सों के अलावा केंद्र सरकार भी पेट्रोल पर प्रति लीटर करीब 33 रुपए वसूल रही है। यह राशि एक्साइज ड्यूटी, विशेष एक्साइज ड्यूटी, कृषि व बुनियादी संरचना विकास सेस और सड़क व बुनियादी संरचना सेस के नाम पर वसूली जा रही है।
पेट्रोल की कीमत के आधार पर यह राशि वसूली जाती है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से वसूली जा रही टैक्स की इतनी भारी-भरकम राशि के कारण ही पेट्रोल और डीजल की कीमत इतनी ऊंचाई पर पहुंच गई है।
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स्वामी ने साधा सरकार पर निशाना
पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी पर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर जनता की राय बिल्कुल साफ है कि कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी एक तरह से शोषण करने वाली है। उन्होंने सरकार से पेट्रोल-डीजल से लेवी को हटाने की मांग की है। उन्होंने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को जनता के शोषण का हथियार बताया है।
पहले भी स्वामी ने कसा था तंज
स्वामी ने दो हफ्ते पहले भी तेल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया था और इसे लेकर केंद्र सरकार को घेरा था। स्वामी ने पेट्रोल की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर तंज भी कसा था।
उनका कहना था कि रावण के देश श्रीलंका में पेट्रोल 51 प्रति लीटर, सीता के देश नेपाल में 53 रुपए प्रति लीटर है, वही राम जी के देश भारत में पेट्रोल 93 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। उनका कहना था कि सरकार को पेट्रोल की कीमत घटाकर जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए।
अंशुमान तिवारी
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