इनकी याद में बनाया गया गेटवे ऑफ इंडिया, जानिए इसका इतिहास

2 दिसंबर 1911 को पहली बार यहां आये ब्रिटेन के राजा रानी जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी का धन्यवाद करने और उनकी यात्रा की याद में देश की आर्थिक राजधानी में समुद्री मार्ग के प्रवेश द्वार के तौर पर गेटवे आफ इंडिया का निर्माण हुआ।

Update:2020-12-02 13:34 IST
समुद्र के रास्ते मुंबई आने पर सबसे पहले गेटवे आफ इंडिया ही नजर आता है। गेटवे ऑफ इंडिया को मुंबई और देश की शान और पहचान माना जाता है।

नई दिल्ली: गेटवे ऑफ इंडिया भारत के सबसे लोकप्रिय धरोहरों मे से एक हैं। मुंबई जाने वाले अधिकतर लोग इसको देखने जाते हैं। इसकी स्थापत्य कला और भव्यता लोगों अपनी ओर आकर्षित करती है। दक्षिण मुंबई में समुद्र तट के पास स्थित यह 26 मीटर ऊंचा द्वार है। इस निर्माण प्रसिद्ध वास्तुशिल्पी जॉर्ज विंसेंट के नेतृत्व में हुआ।

गेटवे ऑफ इंडिया का नींव 31 मार्च 1911 को रखी गई और यह 1924 में बनकर तैयार हो पाया। समुद्र के रास्ते मुंबई आने पर सबसे पहले गेटवे आफ इंडिया ही नजर आता है। गेटवे ऑफ इंडिया को मुंबई और देश की शान और पहचान माना जाता है।

2 दिसंबर 1911 को पहली बार यहां आये ब्रिटेन के राजा रानी जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी का धन्यवाद करने और उनकी यात्रा की याद में देश की आर्थिक राजधानी में समुद्री मार्ग के प्रवेश द्वार के तौर पर गेटवे आफ इंडिया का निर्माण हुआ।

ये भी पढ़ें...कंगना से भिड़ी दादी: दिया ऐसा करारा जवाब, अब छा गईं सोशल मीडिया पर

इस इमारत का निर्माण करीब एक दशक तक चलता रहा और 1924 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया। 4 दिसंबर, 1924 को वायसराय, अर्ल ऑफ रीडिंग ने इसका उद्घाटन किया।

ये भी पढ़ें...बंगाल में यूपी फॉर्मूला: क्या हिट होगा भाजपा के लिए, चलेगा शाह का जादू

गेटवे ऑफ इंडिया को बनाने में जो खर्च आय़ा था उस वक्त की भारत सरकार ने वहन किया था। इसके निर्माण का कुल बजट 21 लाख रुपये रखा गया था, यहां तक आने वाली सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका था, क्योंकि इसके लिए बजट कम पड़ गया था।

ये भी पढ़ें...उद्धव-योगी में जंग: बोले कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली, दम है तो करके दिखाएं

इसका निर्माण भारत के अंदर आने और बाहर जाने वाले दरवाजे के तौर पर हुआ था। जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे तो उनका आखिरी जहाज यहीं से गया था।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News