24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम, किसान हिंसा से देशभर में नाराजगी

किसान ट्रैक्टर रैली में हुई भयानक हिंसा का असर पर आंदोलन पर पड़ता हुआ दिखने लगा है। ऐसे में बुधवार की सुबह हाईवे के नजदीक 11 से अधिक पंचायतों की तरफ से बैठक की गई। वहीं आंदोलनकारी किसानों के नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया।

Update:2021-01-27 18:11 IST
किसान ट्रैक्टर रैली में हुई भयानक हिंसा का असर पर आंदोलन पर पड़ता हुआ दिखने लगा है। ऐसे में बुधवार की सुबह हाईवे के नजदीक 11 से अधिक पंचायतों की तरफ से बैठक की गई।

रेवाड़ी: बीते दिन 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली में हुई भयानक हिंसा का असर पर आंदोलन पर पड़ता हुआ दिखने लगा है। ऐसे में बुधवार की सुबह हाईवे के नजदीक 11 से अधिक पंचायतों की तरफ से बैठक की गई। इस बीच दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 के मसानी बैराज पर 4 जनवरी से धरने पर बैठे किसानों को 24 घंटे में हाईवे को खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है।

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बचाव कर मामला शांत

ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाईवे खाली करने को लेकर बहुत बहस भी हुई, लेकिन पुलिस ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया। लगभग 30 किमी. दूर हरियाणा-राजस्थान सीमा पर 13 दिसंबर से धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पेट्रोल पंप एसोसिएशन की ओर से मोर्चा खोल दिया गया।

साथ ही एसोसिएशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक एवं खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव का पुतला जलाकर लाल किला पर हुई घटना का विरोध दर्ज कराया है।

फोटो-सोशल मीडिया

इसके अलावा बुधवार को गांव डूंगरवास में आस-पास के गांवों के ग्रामीणों की मसानी के सरपंच कैप्टन लाला राम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गांव डूंगरवास, मसानी, जोनावास, तीतरपुर, निगानियावास, खरखड़ा, रसगण, जीतपुरा व निखरी आदि गांव के ग्रामीण मौजूद रहे।

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दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया

इसी सिलसिले में ग्रामीणों का आरोप है कि एक महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है, जिस कारण आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हाईवे का ट्रैफिक गांव से गुजर रहा है जिससे गांवों के लिंक रोड और पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी हैं। वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूट गए हैं।

आगे उन्होंने कहा कि मंगलवार को किसान आंदोलन की आड़ में लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी ने सरपंच लालाराम की अगुवाई में आंदोलनकारी किसानों के नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया।

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