कोरोना वायरस से मौत होने पर मरीज के शव को ट्रैक्टर चलाकर श्मशान ले गया डॉक्टर

कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में डर किस कदर व्याप्त है। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि मृतकों को श्मशान घाट तक ले जाने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घबराने लगे हैं।

Update:2020-07-13 19:26 IST

हैदराबाद: कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में डर किस कदर व्याप्त है। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि मृतकों को श्मशान घाट तक ले जाने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घबराने लगे हैं। ताजा मामला तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले का है।

जहां कोरोना वायरस के मरीज की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार करने को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों में व्याप्त भय को देखते हुए एक डॉक्टर स्वयं ही ट्रैक्टर चलाकर शव को श्मशान घाट तक लेकर गया।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को एक सरकारी अस्पताल में एक कोरोना मरीज की डेथ हो गई। जिले के इस अस्पताल में कोरोना वायरस से मौत की ये पहली घटना सामने आई थी।

काफी कोशिशों के बाबजूद उसके शव को ले जाने के लिए तत्काल एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। जिसके बाद किसी तरह से एक ट्रक्टर का प्रबंध किया गया।

लेकिन नगर निगम चालक और अन्य चालक कोरोना की वजह से मरे व्यक्ति की बॉडी को श्मशान घाट तक ले जाने से घबरा रहे थे।

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जब ये बात स्वास्थ्य विभाग के जिला निगरानी अधिकारी डॉक्टर श्रीराम को पता चली तो खुद आगे आये और लोगों में डर दूर करने के लिए खुद पीपीई पहनकर ट्रक्टर चलाते हुए शव को श्मशान घाट ले गए।

श्रीराम ने मीडिया को बताया कि मृतक के परिजन को भी पीपीई पहनाया गया। ‘‘ बचाव वाले सभी कदम उठाए गए। सभी चीजें हमने नियम के अनुसार की।

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कोरोना वायरस का अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं: हर्षवर्धन

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा साढ़े सात लाख को पार कर गया है। इसके साथ ही नये मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। रोज बड़ी संख्या में लोगों की मौतें भी हो रही हैं।

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस का अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि 90 फीसदी एक्टिव केस देश के सिर्फ 8 राज्यों में हैं। आज हमारा रिक्वरी रेट 62.08 फीसदी है, हमारी मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम 2.75 प्रतिशत है. हमारा डबलिंग रेट 21.8 दिन है।

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