लॉकडाउन से परेशान बेटे ने मां की देखरेख नहीं कर पाने पर आग में जलाकर मार डाला
यहां लॉकडाउन में नौकरी खोने से परेशान एक आदमी ने अपनी मां को ही जिन्दा जला डाला। प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला जब घर में सो रही थी। उस वक्त बेटे ने इस घटना को अंजाम दिया।
हैदराबाद: लॉकडाउन के दौरान देश भर से अप्रिय घटनाओं की बाढ़ सी आई गई है। कही लोग भूख से दम तोड़ रहे हैं तो कही रोजगार गंवाने के चक्कर में मर्डर या सुसाइड जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला हैदराबाद में देखने को मिला है। यहां लॉकडाउन में नौकरी खोने से परेशान एक आदमी ने अपनी मां को ही जिन्दा जला डाला। प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला जब घर में सो रही थी। उस वक्त बेटे ने इस घटना को अंजाम दिया।
लॉकडाउन 5.0 की खबरों पर गृह मंत्रालय का बड़ा बयान, कही ये बात
उसके 45 वर्षीय बेटे तिरुमाला लिंगस्वामी ने पहले तो इस वारदात को अंजाम दिया उसके बाद वहां से भाग निकला। पुलिस के अनुसार तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूरी पर स्थित नलंगोडा के नरसिंहबटला गांव निवासी तिरुमला ने कथित तौर पर अपनी बहनों से कहा कि वह अब किसी भी देखभाल नहीं कर सकता है।
मां को जिन्दा जलाने के बाद तिरुमाला मौके से फरार हो गया। जिसके बाद से पुलिस अब उसकी तलाश में जगह-जगह तलाशी अभियान चला रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 65 वर्षीय महिला शांत्म्मा की कमर की हड्डी पांच साल पहले टूट गई थी। जिसके बाद से वह बेड पर ही रहती थीं। तिरुमला और उनकी तीन बहनों ने मां की देखभाल करने के लिए एक आदमी भी रखा था।
लेकिन लॉकडाउन में पैसे की दिक्कत की वजह उस युवक ने भी काम छोड़ दिया था। पड़ोसियों ने शांतम्मा के लिए इंतजाम किया था लेकिन वह खुद का ख्याल नहीं रख पा रहीं थीं इसलिए आगे मदद करना बंद कर दिया।
लॉकडाउन के बीच बड़ी खबर: भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के कार्यक्रम का हुआ एलान
न तो केयरटेकर और न ही उनकी बहनें अपनी माँ के घर गईं
नलगोंडा ग्रामीण पुलिस के सब-इंस्पेक्टर राजेश्वर रेड्डी ने कहा, 'पड़ोस के गांव में रहने वाली उनकी बेटी हफ्ते में एक बार आती थी और उन्हें नहला देती थी, नहीं तो बूढ़ी औरत अकेली थी और उसकी कोई मदद नहीं करता था।'
लॉकडाउन के बाद, तिरुमला कुछ दिनों के लिए एक कंस्ट्रक्शन साइट पर था लेकिन कुछ दिनों के बाद गाँव पहुंची और पाया कि लॉकडाउन के कारण न तो केयरटेकर और न ही उनकी बहनें अपनी माँ के घर आ पाईं।
पुलिस ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने 5 मई को प्रतिबंधों में ढील देने के बाद लिंगस्वामी की गांव में वापसी की और लोगों को मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अपनी बीमार मां की हालात ना देख पाने पर तिरुमाला अप्रैल के पहले हफ्ते में हैदराबाद लौट आए और अपनी बहनों के साथ कथित संपर्क में रहकर जिम्मेदारी से बचने के लिए लोगों से बातचीत बंद कर दी।
बेटा पैसे के लिए घर बेचना चाहता था
पुलिस के मुताबिक अभी 'यह साफ नहीं है कि वह अपनी मां की देखभाल के लिए पैसे का उपयोग करना चाहता था या नहीं।' एक अधिकारी ने कहा, 'हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या निजी जिन्दगी में दिक्कतों के कारण तिरुमला की पत्नी ने हाल ही में अपने दो साल के बच्चे के साथ घऱ छोड़ दिया।' उनकी बहनों का दावा है कि तालाबंदी के दौरान तिरुमला बहुत शराब पीता था।'
तीन बहनों के बयान दर्ज करने के बाद, पुलिस ने कहा कि वित्तीय संकट से निपटने के लिए तिरुमला घर बेचने के लिए शांतम्मा पर दबाव डाल रहा था। पुलिस के अनुसार 'उनकी बहनों ने बताया कि बताया कि उनके पास पैसे नहीं थे क्योंकि उन्होंने अपने सारे पैसे लॉकडाउन के दौरान इस्तेमाल कर लिए।
उसने अपनी बहनों पर दबाव डाला कि वे अपनी माँ को घर बेचने के लिए कहें। उनकी बहनों ने कहा कि यह शायद वह मां का ख्याल रखने में सक्षम नहीं था और घर बेचने को मना कर दिया, जिसके बाद उसने यह जुर्म किया।