IAS के इस्तीफे पर खुलासा! इस नोटिस के कारण करना पड़ा ये काम
IAS कन्नन गोपीनाथन के इस्तीफा देने से पहले उन्हें आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली ने उनके मामले में गृह मंत्रालय को उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का
नई दिल्ली: भारतीय प्रशासनिक अधिकारी अधिकारी कन्नन गोपीनाथन को जुलाई में कर्तव्यों का पालन नहीं करने के विभिन्न मामलों में संलिप्त पाए जाने पर गृह मंत्रालय की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
बता दें कि IAS कन्नन गोपीनाथन ने 21 अगस्त को कश्मीर घाटी में प्रतिबंध का हवाला देकर हाल में ही भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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पूरा मामला यह है कि IAS कन्नन गोपीनाथन के इस्तीफा देने से पहले उन्हें आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली ने उनके मामले में गृह मंत्रालय को उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा था।
बताया जा रहा है कि केरल से एजीएमयूटी कैडर के 2012 बैच के अधिकारी को दादरा एवं नगर हवेली में बिजली एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में तैनात किया गया था।
नहीं किया कर्तव्यों का पालन...
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों से गृह मंत्रालय को यह सूचना मिली थी कि गोपीनाथन ने कई मामलों में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है, जो अखिल भारतीय सेवा कानून 1968 के नियम (3) का उल्लंघन है, जिसके बाद केंद्र ने गोपीनाथन को नोटिस जारी कर दिया।
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इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों ने मंत्रालय 11 जून को पत्र लिखकर बताया कि गोपीनाथन अवज्ञा, काम में ढीले-ढाले रवैये और ड्यूटी नहीं करने के मामलों में संलिप्त हैं।
अधिकारी पर स्थाई प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित नीति में संशोधन करने के लिए एक फाइल दाखिल करने में नौ महीने की देरी करने समेत अन्य आरोप लगाए गए थे।
जारी हुई कई नोटिस...
बताया जा रहा है कि दादरा एवं नगर हवेली में नरोली से शहीद चौक से समरवानी तक सड़क मार्गो के सुंदरीकरण के लिए अधिकारी को बिजली के तारों को अंडरग्राउंड बिछाने और बिजली के खंबों को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर लगाने का काम मई 2018 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था।
गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया कि हालांकि बिजली के खंबे दूसरे स्थान पर मार्च 2019 तक नहीं लगाए गए। नोटिस में कहा गया कि यहां तक कि गोपीनाथन ने निर्धारित रिपोर्टिग माध्यम को भी नजरअंदाज कर दिया।
इसके साथ ही नोटिस में कहा गया 26 जून 2018, 16 जुलाई 2018 और 15 अक्टूबर 2018 की तारीख के डीएनएच ऊर्जा वितरण कंपनी लिमिटेड के बोर्ड निदेशक की नियुक्ति के ऐसे तीन मामले भी इसमें शामिल हैं।
नोटिस के अनुसार...
नोटिस के मुताबिक गोपीनाथन ने एडवाइजर के माध्यम से प्रशासक को फाइल जमा करने की अपेक्षा सीधे प्रशासक के पास फाइल जमा की थी।
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नोटिस में यह भी लिखा गया है कि गोपीनाथन ने केरल में भारी बाढ़ के बीच संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करने और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से मदद करने की योजना तैयार करने के लिए केरल का दौरा किया, लेकिन उन्होंने वहां से लौटने पर कोई रिपोर्ट जमा नहीं की।
साथ ही साथ गोपीनाथन को सार्वजनिक प्रशासन में नवोन्मेष की विभिन्न श्रेणियों में प्रधानमंत्री के पुरस्कार के लिए नामांकन तैयार करने का निर्देश दिया गया। लेकिन उन्होंने यह भी नहीं किया।
गौरतलब है कि गोपीनाथन ने इस्तीफा देते समय इस्तीफा पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के कई दिन बाद भी वहां की जनता को उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया।
कन्नन गोपीनाथन ने कहा...
इस्तीफा देने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि मैं इस उम्मीद के साथ सिविल सेवा में आया था कि मैं उन लोगों की आवाज बन सकता हूं जिनकी आवाज दबा दी गई है। लेकिन यहां, मेरी अपनी आवाज खो गई है।