ये आईएएस बन गया कश्मीर का पहला स्थाई निवासी, जानें क्या है मामला
आईएएस ऑफिसर नवीन चौधरी ने जम्मू के बाहू तहसीलदार कार्यालय में डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था। इस आवेदन के बाद गुरुवार को बाहू तहसील के तहसीलदार रोहित शर्मा ने नवीन को डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पूरे भारत में लोगों ख़ुशी हुई। लोगों को ये पूरा यकीन हो गया कि अब जम्मू-कश्मीर, अब देश के अन्य राज्यों की तरह विकास कर सकेगा। इसी के साथ अन्य राज्यों से नौकरी के लिए जम्मू-कश्मीर में गए लोगों को अब वहां का निवासी होने का अधिकार मिल सकेगा। बिहार के रहने वाले एक आईएएस अफसर को जम्मू-कश्मीर का पहला डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिया गया है।
दूसरे राज्य से आने वाले पहले व्यक्ति बने स्थायी निवासी
बता दें कि आईएएस ऑफिसर नवीन चौधरी वर्तमान में जम्मू शहर में रहते हैं और वह राज्य सरकार के एग्रीकल्चर विभाग में कमिश्नर सेक्रेटरी पद पर नौकरी कर रहे हैं। नवीन चौधरी दूसरे राज्य से आने वाले ऐसे पहले नौकरशाह हैं, जिन्हें राज्य का स्थायी निवासी बनाया गया है।
डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था
जम्मू-कश्मीर सरकार के कृषि विभाग में कमिश्नर सेक्रेटरी पद पर तैनात नवीन चौधरी मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं। आईएएस ऑफिसर नवीन चौधरी ने जम्मू के बाहू तहसीलदार कार्यालय में डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था। इस आवेदन के बाद गुरुवार को बाहू तहसील के तहसीलदार रोहित शर्मा ने नवीन को डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया।
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अधिवास कानून को केंद्र सरकार ने दी थी संशोधन को मंजूरी
नवीन चौधरी को यह सर्टिफिकेट जम्मू-कश्मीर ग्रांट डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसिजर) रूल्स 2020 के नियम 5 के तहत जारी किया गया है। इस कानून को हाल ही में जम्मू-कश्मीर में लागू कराया गया था, जिसका तमाम संगठनों ने विरोध भी किया था। राज्य के इस अधिवास कानून को केंद्र सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।
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ऐसे लोग माने जायेंगे स्थायी निवासी
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के अंत के बाद जम्मू-कश्मीर में नए डोमिसाइल कानून (संशोधन) को मंजूरी दी थी। इसमें उन लोगों को स्थायी निवासी के रूप में मान्यता दी गई थी जो कि 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हों या जिन लोगों ने यहां पर सात साल तक पढ़ाई की हो और इसी राज्य के स्कूलों में 10वीं एवं 12 की परीक्षा दी हो।