सरकारी कर्मचारियों पर बड़ी खबर, महंगाई भत्‍ते के भुगतान पर सरकार का ये ऐलान

केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। इस फर्जी खबर में बताया गया है कि सरकार ने डीए में कटौती की अपनी घोषणा वापस ले लिया है। लेकिन सरकार ने इसे फेक न्यूज बताया है।

Update: 2020-10-01 14:37 GMT
फर्जी खबर में बताया गया है कि सरकार ने डीए में कटौती की अपनी घोषणा वापस ले लिया है। लेकिन सरकार ने इसे फेक न्यूज बताया है।

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह जरूरी खबर है। हर कर्मचारी को इस खबर को ध्‍यान से पढ़ने की जरूरत है, क्‍योंकि यह महंगाई भत्‍ते DA से जुड़ी खबर है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो गई है। इस वायरल खबर में कहा जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में कटौती किए जाने की घोषणा केंद्र सरकार ने वापस ले ली है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को डीए का लाभ मिलने वाला है।

इस वायरल मैसेज में यह दावा किया गया है कि 1 जनवरी 2020 से यह महंगाई भत्‍ता (DA) लागू करके इसका भुगतान किया जाएगा। इस सूचना को सच साबित करने के लिए केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का पत्र भी अटैच करके दर्शाया गया है। इस खबर के कई कर्मचारियों के मन में डीए की आस फिर से जग गई है। लेकिन हम आपको आज इसकी सच्‍चाई बताते हैं।

दरअसल यह एक फेक न्‍यूज है, फर्जी मैसेज है। सरकार की तरफ इसका सिरे से खंडन कर है और साफ किया गया है कि ऐसा का कोई भी आदेश सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है। प्रेस इंफार्मेशन ब्‍यूरो PIB की फैक्‍ट चेक विंग ने इस खबर को झूठा बताया है और इसे खारिज कर दिया है। सरकार ने इस अफवाह को निराधार बताते हुए सच्‍चाई सामने लाया है।

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इसमें कहा है कि, दावा: @FinMinIndia को लिखे गए एक अनुरोध पत्र पर अलग से हेडलाइन जोड़कर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने DA कटौती की घोषणा वापस ले ली है। #PIBFactCheck: यह हेडलाइन फर्जी है। यह अनुरोध पत्र मई 2020 में लिखा गया था। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।



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जानें फर्जी पत्र में क्या लिखा है

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस फर्जी पत्र में बताया गया है कि सरकार ने डीए में कटौती की अपनी घोषणा वापस ले लिया है। यह शीर्षक ही भ्रामकपूर्ण है। यह अनुरोध पत्र बीते मई के महीने में लिखा गया था। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने इस प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया है।

पीआईबी के फैक्‍ट चेक PIB Fact Check ने यह स्पष्ट किया है कि अप्रैल माह के आदेश को वापस नहीं लिया गया है, लेकिन फेक न्‍यूज में इसे वापस लिया जाना बताया गया।

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फैक्‍ट चेक में निकली फेक न्यूज

पीआईबी फैक्‍ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी गई है कि गत मई के महीने में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को महंगाई भत्‍ते में कटौती के निर्णय को वापस लिए जाने का एक अनुरोध पत्र लिखा गया था। लेकिन अराजक तत्‍वों ने इस अनुरोध पत्र पर एक अलग से शीर्षक बनाया है और यह दावा किया है सरकार अपना निर्णय वापस ले रही है, ताकि यह खबर विश्‍वसनीय बन सके, लेकिन पीआईबी ने इस फर्जी खबर की पोल खोलकर रख दी है।

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