सीमा विवाद: भारत ने निकाल दी चीन की हेकड़ी, उसी की भाषा में दिया मुंहतोड़ जवाब
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच अभी भी तनाव बना हुआ है। तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई बार वार्ताएं हुए लेकिन चीन उन सभी शर्तों का पालन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच अभी भी तनाव बना हुआ है। तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई बार वार्ताएं हुए लेकिन चीन उन सभी शर्तों का पालन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है। उसकी सेनाएं अभी भी बॉर्डर पर तैनात हैं।
जिसके बाद भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब देने का निर्णय किया है। भारतीय सेना अब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तब तक रहेगी जब तक चीन की सेना अपनी जगह पर वापस नहीं चली जाती।
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चीन को 20 अप्रैल से पहले की स्थिति में आना ही होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने चीन से कई मौकों पर कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली के लिए उन्हें पूर्वी लद्दाख की गतिरोध वाली जगहों पर 20 अप्रैल से पहले की स्थिति में आना होगा। कहने का मतलब ये कि जो जहां था, वह वहां चला जाए लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया।
जिसके बाद इस पूरे मसले अब भारत भी अड़ा हुआ है। भारत ने चीन को साफ़-साफ़ ये बता दिया है कि जब तक पीएलए सीमा से नहीं हट कर 20 अप्रैल के पहले की स्थिति बहाल नहीं करता है तब तक भारत और चीन में तनाव कम नहीं हो सकता है।
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जबकि उधर चीन को लग रहा है कि भारत घरेलू दबाव में आकर खुद ही टकराव खत्म कर देगा। जानकारों का मानना है कि पीएलए चाहता है कि भारत अपने पारंपरिक जगहों से पीछे हट जाए। ताकि वे वहां पर अपना कब्जा जमा सके।
भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को आज कई महीने बीते गए हैं। चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ी नजर रखने की मांग करने के साथ ही कहा है कि इसके लिए 4 से 6 सैटेलाइट की जरूरत है। इन सैटेलाइट्स के जरिए भारतीय सेना को चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
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40,000 से अधिक सैनिक जमा किये
एलएसी पर सतर्कता बढ़ाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सैटेलाइट की जरूरत उस समय महसूस हुई जब चीनी सेना ने एलएसी की ओर से शिनजियांग क्षेत्र में एक अभ्यास की आड़ में भारी हथियार और तोपखाने के साथ 40,000 से अधिक सैनिक जुटाए और उन्हें भारतीय क्षेत्र की ओर ले जाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही चीनी सेना ने कई स्थानों पर भारतीय क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया।
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