भारत ने लिया गलवान का बदला: चीन के सर्विलांस को तहस-नहस कर ब्लैकटॉप पर किया कब्जा
भारतीय सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर एक बार फिर से अदम्य साहस का परिचय दिया है। हमारे देश के जाबांज सैनिकों ने चीनी सेना की साजिश को नाकाम करते हुए ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा कर लिया है।
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर एक बार फिर से अदम्य साहस का परिचय दिया है। हमारे देश के जाबांज सैनिकों ने चीनी सेना की साजिश को नाकाम करते हुए ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा कर लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पैंगौंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ब्लैक टॉप पोस्ट पर कैमरा और सर्विलांस सिस्टम लगाया था। इस पोस्ट पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया है और कैमरे व सर्विलांस उपकरण को उखाड़ फेंका है।
ये पोस्ट एलएसी के इस तरफ भारतीय सीमा में आती है। ब्लैक टॉप पोस्ट पर कैमरा और सर्विलांस सिस्टम के लगे होने के बाद भी भारतीय सेना ने चीनी सेना को पीछे खदेड़ा और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस पोस्ट पर कब्जा कर लिया है।
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भारतीय सैनिकों की आवाजाही पर चीन रखता था नजर
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने सीमा निगरानी तंत्र को स्वचालित बनाया है और भारतीय सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कैमरे और सेंसर तैनात लगाए हैं। ठाकुंग के पास की ऊंचाई के पास भी चीनी सेना, भारतीय सेना की ऊंचाई और उसकी आवाजाही पर कड़ी नजर रखती थी।
ऊंचाई पर कब्जा करने के चीनी इरादे को भांपते हुए पिछले हफ्ते ही भारतीय सेना के एक विशेष ऑपरेशन यूनिट और सिख लाइट इन्फैंट्री के कर्मियों समेत एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को पहाड़ की ऊंचाई पर तैनात किया गया है। ये यूनिट चीनियों द्वारा किसी भी हरकत का जवाब देने में सक्षम है।
बता दें कि 29-30 अगस्त की रात को चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसका जवाब देते हुए भारतीय सेना ने न सिर्फ न ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा जमाया, बल्कि चीनी सेना के कैमरे और सर्विलांस उपकरणों को हटा दिया है।
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि लद्दाख में दोनों देशों के बीच ताजा झड़प पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक चोटी को लेकर हुई। ब्लैक टॉप नामक यह चोटी एलएसी के इस तरफ यानी भारतीय सीमा में है, लेकिन उसपर किसी देश का कब्जा नहीं हुआ करता था।
चीन इस चोटी पर कब्जा करने की फिराक में था, जिसे भारतीय जाबांजों ने नाकाम कर दिया। इससे पहले गलवान घाटी में भी भारत और चीन की सेना एक दूसरे से टकरा चुकी है। जिसमें दोनों तरफ से सैनिकों के मारे जाने की खबर सामने आई थी।
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