भारत के साथ खुलकर आया अमेरिका, चीन के खिलाफ निभाएगा दोस्ती
चीन के साथ भारत के बढ़ते विवाद के बीच अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह ड्रैगन के खिलाफ भारत से दोस्ती निभाएगा और उसका साथ देगा।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: चीन के साथ भारत के बढ़ते विवाद के बीच अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह ड्रैगन के खिलाफ भारत से दोस्ती निभाएगा और उसका साथ देगा। अमेरिका का मानना है कि मौजूदा हालात में चीन की आक्रामकता का जवाब देना जरूरी है और ऐसे में अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्ते को निभाते हुए उसका साथ देगा।
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चीन को जवाब देना जरूरी
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियट एंगल वर्ल्ड और रैंकिंग सदस्य माइकल टी मैककॉल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में भारत से दोस्ती निभाने का वादा किया है। अमेरिका के दोनों शीर्ष सांसदों का कहना है कि चीन की आक्रामकता का जवाब देना जरूरी है और भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों दल भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों को समर्थन देने के पक्षधर हैं।
दोनों पार्टियों का भारत को समर्थन
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों 21वीं सदी पर मजबूत प्रभाव डालने वाले हैं और रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सदस्य दोनों देशों के आपसी रिश्तों के महत्व को बखूबी समझते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह बात कही थी कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सिर्फ साझेदारी नहीं बल्कि पहले से अधिक मजबूत व करीबी हैं।
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मौजूदा माहौल में रिश्ते ज्यादा महत्वपूर्ण
दोनों सांसदों ने कहा कि मौजूदा माहौल में दोनों देशों के रिश्ते और महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि चीन भारत के साथ लगने वाली अपनी सीमा पर आक्रामकता दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हिंद प्रशांत में चीनी सरकार अवैध और आक्रामक रुख से दूसरों को डराने में जुटी हुई है।
जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य बनाएं
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात को जल्द से जल्द सामान्य बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के एक साल बाद भी जम्मू-कश्मीर के हालात अभी तक सामान्य नहीं हो सके हैं। ऐसे में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
चीन पर लगाया बड़ा आरोप
इस बीच अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती करके अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन किया है। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौरान चीन का रुख और आक्रामक हो गया है। एस्पर ने कहा कि चीन वास्तव में प्रोपेगंडा को बढ़ाने में जुटा हुआ है। वह दक्षिण चीन सागर में अपनी हलचल बढ़ा चुका है। चीन की इस आक्रामकता का जवाब देने का समय आ गया है।
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संकट काल में भारत ने की मदद
उधर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने भी कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिकी सामरिक भागीदारी काफी अहम होगी। उन्होंने कहा कि भारत लगातार आर्थिक व राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमने अपने उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम किया है। संकट की इस घड़ी में भारत ने चिकित्सा के मामले में दूसरों की मदद की और यह सुनिश्चित किया कि भारत से आवश्यक दवाएं अमेरिका और अन्य देशों तक पहुंचें ताकि उन्हें कोरोना पर काबू पाने में मदद मिल सके।
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