चीन ने इन तीन स्थानों से हटाई सेना, भारत के साथ आज हो रही हाई लेवल मीटिंग

प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख पर भारतीय और चीनी सेना तीन स्थानों पर एक-दूसरे के सामने से पीछे हट चुकी हैं। जिसके बाद अब भारत ये चाहता है कि सीमा पर जारी विवाद पूरी तरह से तब खत्म होगा जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10,000 सैनिकों को हटाएगा।

Update:2020-06-10 14:26 IST

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बुधवार को फिर से सीमा विवाद पर बातचीत शुरू हो गई है। इससे पूर्व छह जून को दोनों पक्षों के बीच कमांडर लेवल बातचीत हुई थी।

अभी तक जो जानकारी निकलकर सामने आई है, उसके मुताबिक सूत्रों ने कहा कि बटालियन कमांडर स्तर पर सेनाओं के पीछे हटने वाले बिंदुओं पर वार्ता होगी और समकक्षों के साथ पहले ही हॉटलाइन वार्ता हो चुकी है।

इसके अतिरिक्त चीन ने होतन और गर गुनसा एयरबेस पर लड़ाकू विमान और लड़ाकू बॉम्बर्स की तैनाती की हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख पर भारतीय और चीनी सेना तीन स्थानों पर एक-दूसरे के सामने से पीछे हट चुकी हैं।

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सीमा विवाद को जल्द सुलझा लेना चाहता है भारत

जिसके बाद अब भारत ये चाहता है कि सीमा पर जारी विवाद पूरी तरह से तब खत्म होगा जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10,000 सैनिकों को हटाएगा।

यही नहीं भारतीय और चीनी सैनिक गलवां घाटी क्षेत्र (पैट्रोलिंग पॉइंट 14), पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स (पैट्रोलिंग पॉइंट 17) सहित तीन स्थानों पर दो-ढाई किलोमीटर की दूरी पर पीछे हट गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सेनाएं पीछे हट गई हैं, लेकिन हम चाहते हैं वह अपने 10,000 से अधिक सैनिकों को एलएलसी के पास से हटा ले।’

सूत्र ने आगे कहा, 'सेनाओं का पीछे हटना ठीक है, लेकिन तनाव केवल तभी कम होगा जब चीन अपने सैनिकों के साथ ही भारी भरकम तोपों, टैकों और इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल को एलएसी के पास से हटाएगा।'

सूत्रों ने बताया कि चीनी तैनाती के मद्देनजर, भारतीय पक्ष ने पीएलए से मिलान करने और उसके द्वारा किसी भी तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में 10,000 से अधिक सैनिकों को डेप्युट किया है।

 

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चार मई को गतिरोध की शुरुआत

बता दें कि चीनी सैनिकों ने पिछले महीने चार मई को भारतीय सेना के साथ गतिरोध की शुरुआत की थी। पहले उन्होंने लगभग एक बटालियन के आकार की टुकड़ियों के साथ इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल और भारी वाहनों को अपने सामान्य गश्त बिंदु से आगे बढ़ाया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पक्ष द्वारा अगले 10 दिनों में होने वाली वार्ताओं के दौरान कई बिंदुओं को उठाने की उम्मीद है, जिसमें बटालियन स्तर, ब्रिगेड स्तर और मेजर जनरल स्तर की वार्ता शामिल है। इसके अलावा बुधवार या गुरुवार को मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने की संभावना है।

इसके अलावा भारतीय क्षेत्र के पास तैनात टैंक रेजीमेंट और तोपों को भी हटाने के लिए कहा गया है। भारत का कहना है कि ऐसा बुधवार से शुरू हुई दोनों पक्षों के बीच बातचीत से पहले विश्वास निर्माण उपाय के तौर पर किया जाना चाहिए।

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