भारत ने उठाया ये बड़ा कदम, तड़प-तड़प कर मरेगा पाकिस्तान, पढ़ें पूरा मामला
पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) की बैठक में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान को भारत से तगड़ा झटका लगा है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सस्ती दवाओं(जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाएं) की सप्लाई पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी है।
इस्लामाबाद: पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) की बैठक में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान को भारत से तगड़ा झटका लगा है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सस्ती दवाओं(जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाएं) की सप्लाई पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी है।
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पाकिस्तान में तेजी से सामने आ रहे रैबीज के केस
इस वजह से पाकिस्तान में जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाओं की भारी किल्लत हो गई है। एंटी रेबीज दवाएं पाकिस्तान के लिए कितनी जरूरी हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इन दिनों सिंध प्रांत में कुत्तों के काटने के मामलों तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
पिछले कुछ सप्ताह में सैकड़ों केस सामने आ चुके हैं। सोमवार रात को भी 12 लोगों को कुत्तों ने काटा था जिसके बाद उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया गया। सिंध प्रांत और राजधानी कराची के सरकारी अस्पतालों में भी इसकी भारी किल्लत है।
'रेबीज फ्री कराची' प्रोग्राम के निदेशक नसीम सलाहुद्दीन के मुताबिक़ भारत की जगह अन्य देशों से वैक्सीन मंगाने पर खर्च बहुत ज्यादा आता है। जहां भारत से आने वाले इस वैक्सीन का दाम 1 हजार रुपये है।
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सिंध और करांची में दवाओं की भारी किल्लत
वहीं अगर यूरोप की बात करे तो वहां से आएं वैक्सीन की कीमत करीब 70 हजार रुपये(70 गुना अधिक) है। अभी तक यह जीवनरक्षक दवा केवल सरकारी अस्पतालों में ही उपलब्ध है। सिंध प्रांत और राजधानी कराची के सरकारी अस्पतालों में भी इसकी भारी किल्लत है।
जुलाई में आई एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने 16 महीनों के दौरान भारत से 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के रेबीजरोधी तथा विषरोधी टीकों की खरीदारी की थी।
बताते चले कि पाकिस्तान बड़ी मात्रा में भारतीय दवाओं का आयात करता है। जीवन रक्षक दवाओं से लेकर सांप-कुत्ते के जहर से बचाने वाली दवाओं तक के लिए वह काफी हद तक भारत पर निर्भर है, क्योंकि पाक में इसकी मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती है।
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