Vijay Diwas: पाकिस्तान से जीत का जश्न, PM मोदी ने दी रणबांकुरों को सलामी

विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल पर स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्जवलित कर साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत की।

Update: 2020-12-16 04:19 GMT

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान युद्ध और भारत विजय दिवस के बुधवार को 50 साल पूरे हो गए है। आज ही के दिन साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग का नतीजा आ गया था। दुनिया के नक्शे पर एक ओर देश का उदय हुआ, जिसका नाम है बांग्लादेश। भारत तब से आज तक पाकिस्तान की करारी हार और हमारी जीत का जश्न मनाता आ रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल में स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्जवलित किया और साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत की।

नेशनल वार मेमोरियल पर पीएम मोदी ने जलाई मशाल

विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल पहुंचे, जहां उन्होंने स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्जवलित कर साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत की। इस दौरान राष्ट्रीय समर स्मारक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, और तीनों सेनाओं के चीफ मौजूद रहे।



1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे

बता दें कि पीएम मोदी ने 4 स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्जवलित की। अब इन मशालों को देश के अलग अलग कोनों में ले जाया जाएगा। इनमें 1971 युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेता सैनिकों के गांव भी शामिल हैं।

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13 दिनों की जंग में पाकिस्तान ने भारत के सामने टेक दिए थे घुटने

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को भारत के साथ जंग की शुरुआत तो कर दी थी मगर भारतीय सैनिकों के अदम्य पराक्रम के आगे पाकिस्तान को महज 13 दिनों में ही घुटने टेकने पड़े थे। दोनों देशों के बीच जंग पाकिस्तान के पूर्वी भाग को लेकर हुई थी। उस समय पाकिस्तान में सैनिक तानाशाह याहिया खां का शासन था और वह अपने ही देश के पूर्वी भाग में रहने वाले लोगों के दमन में जुटा हुआ था।

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आज के दिन भारत के नक्शे में शामिल हुआ था नया राष्ट्र बांग्लादेश

भारत से जंग शुरू हुई तो पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा।.सैन्य इतिहास में इस युद्ध को फॉल ऑफ ढाका कहा गया। पाकिस्तान के खिलाफ जंग में जीतने और बांग्लादेश की आजादी के बाद से भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के तौर पर मनाता है।

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