भारत ने बताई नेपाल के दावों की हकीकत, विवादित नक्शे पर कही ये बात

विवादित नक्शा नेपाली संसद में पास होने के बाद अब भारत ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि नेपाल के दावे तर्क संगत नहीं हैं। भारत ने इस विधेयक को मान्य न करार देते हुए आरोप लगाया कि नेपाल ने सीमा विववाद सुलझाने के नियम तोड़े हैं।

Update:2020-06-13 22:34 IST

नई दिल्ली: भारत नेपाल सीमा विवाद मामले में विवादित नक्शा नेपाली संसद में पास होने के बाद अब भारत ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि नेपाल के दावे तर्क संगत नहीं हैं। भारत ने इस विधेयक को मान्य न करार देते हुए आरोप लगाया कि नेपाल ने सीमा विववाद सुलझाने के नियम तोड़े हैं।

विवादित नक्शा पास होने पर भारत की प्रतिक्रिया

दरअसल, भारत के क्षेत्रों को नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल कर इसे संसद से मंजूरी दिला दी है। इस पर विदेश मन्त्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि नेपाल की ओर से किये जा रहे दावे अमान्य है। ये ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है।

 

नेपाल की संसद में विवादित नक्शे को मिली मंजूरी

बता दें कि आज नेपाल की संसद में विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास हो गया है। संसद में पास हुए इस नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है। नेपाल में 275 सदस्यों वाली संसद में इस विवादित बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े है, सिर्फ 17 वोट ही विपक्ष के पड़े हैं।

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लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध

गौरतलब है कि भारत और नेपाल में सीमा विवाद के कारण रिश्ते तनातनी चल रही है। ऐसे में 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया था।

इसके बाद से ही नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध किया था। और बीते महीने की 18 तारीख को नेपाल ने नया नक्शा जारी किया था। इसमें भारत के तीन इलाके लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताते हुए नक्शा जारी किया था।

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भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप

नेपाल ने 18 मई की इस करतूत से भारत को तगड़ा झटका लगा। नेपाल के इस कदम से ही भारत और नेपाल की दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई। भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है और किसी बात को नहीं मान रहे हैं।

और तो और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगाया। इसके साथ ही दावा किया गया है कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे।

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इस पर 11 जून को नेपाल की कैबिनेट ने 9 लोगों की एक कमिटी का गठन किया गया है। जिस ज़मीन पर नेपाल इतने दिनों से दावा कर रहा है और भारत के साथ विवाद खड़ा कर रहा है। उस ज़मीन पर अपने अधिकार का नेपाल के पास कोई सबूत या प्रमाण ही नहीं है।

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