भारत को मिलेगा S-400 : इस मिसाइल से थरथर कांपते हैं चीन और पाकिस्तान

भारत ने रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली की डिलिवरी जल्द करने के लिए कहा है। भारत ने इस प्रणाली के लिए रूस को 6000 करोड़ की पहली किस्त का भुगतान भी कर दिया है और अब वह बिना विलंब इसे अपने खेमे में शामिल करना चाहता है।

Update: 2019-11-06 05:25 GMT

नई दिल्ली: भारत लगातार अपनी सैन्य शक्तियों में बढ़ोतरी करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वह हर उस हथियार को भारतीय सेना का हिस्सा बना लेना चाहता है। जिससे जंग में दुश्मनों को परास्त किया जा सके।

इसी कड़ी में भारत ने रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली की डिलिवरी जल्द करने के लिए कहा है। भारत ने इस प्रणाली के लिए रूस को 6000 करोड़ की पहली किस्त का भुगतान भी कर दिया है और अब वह बिना विलंब इसे अपने खेमे में शामिल करना चाहता है।

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खूबियां जान रह जायेंगे दंग

भारत रुस से जिस S-400 मिसाइल की डिलिवरी जल्द कराना चाहता है उसकी खूबियां जान दुश्मनों के होश उड़ सकते हैं। ये कोई आम मिसाइल नहीं है बल्कि बेहद ताकतवर और पलक झपकते ही दुश्मनों के हवा में उड़ते प्लेन को मार गिराने वाली खतरनाक मिसाइल है।

ये मिसाइल 380 किलोमीटर की रेंज में जेट्स, जासूसी प्लेन, मिसाइल और ड्रोन्स की निशानदेही पर उसे ट्रैंक कर नष्ट कर सकता है।

एस-400 एक साथ 100 से लेकर 300 लक्ष्‍यों को एक साथ चिन्हित कर सकता है। दुश्‍मन की किसी भी हमले को यह 600 किलोमीटर दूरी पर चिन्हित करके उस पर हमला क रने में सक्षम है। इतना ही नहीं वह दुश्‍मन के इरादे को भांप कर 400 किलोमीटर पहले ही प्रहार करके नष्‍ट करने में सक्षम होगा।

यह जमीन से 30 किलोमीटर दूरी पर आसमान यह दुश्मन के इलाके में एक समय में तीन अलग-अलग मिसाइलें दागने में सक्षम होगा। इसकी एक खूबी यह है कि यह रेडार की पहुंच से बाहर है।

दुश्‍मन को इसकी भनक तक नहीं लगेगी। छह सौ किलोमीटर दूर तक वह रेडार की पहुंच में नहीं आएगा। इसके साथ यह आसमान और जमीन दोनों जगहों से प्रहार करने में सक्षम है।

यह एक बार में दुश्‍मन पर एक साथ 36 प्रहार कर सकता है। इसके मिसाइल सिस्‍टम में 12 लांचर हैं। यह दुश्‍मनों की मिसाइलों पर रक्षा कवच है। यह चीन और पाकिस्‍तान की 36 न्‍यूक मिसाइलों एक साथ संभाल सकता है।

यह चार सौ किलोमीटर की दूरी से आ रही मिसाइल को निशाने पर जाने से पहले ध्‍वस्‍त कर सकती है। इतना ही नहीं अमेरिका की सबसे एडवांस एफ 35 को गिराने में सक्षम है।

एस-400 दोनों देशों के बीच होगी बात

सूत्रों के मुताबिक़ बुधवार को मॉस्को में होने वाले 19वें भारत-रूस इंटरगर्वमेंटल कमिशन ऑन मिलिट्री ऐंड मिलिट्री टेकनिकल कॉर्पोरेशन में एस-400 के पांच स्क्वाडन की जल्द डिलवरी को लेकर दोनों देशों के बीच बात होगी।

बता दे कि अक्टूबर 2018 में दोनों देशों के बीच करीब 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) का एस-400 करार हुआ था।

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इस बैठक में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी अकुला-1 की लीज को लेकर भी चर्चा होगी। 3 बिलियन डॉलर से ज्यादा यानी करीब 21000 करोड़ की इस डील पर दोनों देशों के बीच इसी साल मार्च में करार हुआ था।

साथ ही डेलिगेशन-लेवल बातचीत में पारस्परिक सैन्य सामानों की संधि पर भी चर्चा होगी। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष सेरगी शोइगु इस बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे।

बताते चले कि अमेरिका ने रूसी हथियारों को खरीदने को लेकर कुछ पाबंदियां लगाईं थीं इसके बाद भारत और रूस ने हाल ही में भुगतान को लेकर रास्ता निकाला था। S-400 मिसाइल की डिलिवरी उसी कड़ी का हिस्सा है।

 

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