भारतीय सेना के जाबाज सोफी और विदा, जिनकी वीरता से थर-थर कांपे आतंकी

ये केवल श्वान दस्ते का हिस्सा नहीं थे बल्कि इन्हें हमारे सुरक्षाबलों का जांबाज माना जाता है। सोफी और विदा भारतीय सेना के श्वान हैं। उन्हें 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर CDS के कमेंडेशन कार्ड्स (Commendation Cards) से सम्मानित किया जा चुका है।

Update:2020-08-30 18:41 IST
जानिए कौन हैं सोफी और विदा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए 68वीं बार देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षाबलों में कुत्तों (श्वान दस्ते) की ईमानदारी और बलिदान को याद किया। कार्यक्रम के दौरान PM मोदी ने विशेष तौर पर सोफी और विदा के बलिदान को याद किया।

भारतीय सेना के श्वान हैं सोफी और विदा

उन्होंने कहा कि ये केवल श्वान दस्ते का हिस्सा नहीं थे बल्कि इन्हें हमारे सुरक्षाबलों का जांबाज माना जाता है। सोफी और विदा भारतीय सेना के श्वान हैं। उन्हें 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर CDS के कमेंडेशन कार्ड्स (Commendation Cards) से सम्मानित किया जा चुका है।

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आतंकी साजिशों को नाकाम करने में रही अहम भूमिका

बता दें कि बीते एक साल में भारतीय सेना के इन ट्रेंड कुत्तों ने कई आतंकी साजिशों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई है। इनके मदद से ही पांच आतंकियों को ट्रैक किया गया, जिसके बाद सेना ने उन्हें ढेर कर दिया। केवल इतना ही नहीं सोफी और विदा के बदौलत तीस IEDs और विस्फोटक को पकड़ने में कामयाबी मिली है।

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बर्फ में दबे शवों को ढूंढने में की थी मदद

इसके अलावा ये श्वान दस्ते आतंकियों के हथियार और गोला बारूद को बरामद करवाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। करीब 14 बार ये दस्ते आतंकियों के हथियार और विस्फोटक जवानों को बरामद करवाने में मदद कर चुके हैं। साथ ही चार बार ये बर्फ में दबे शवों को ढूंढने में मदद कर चुके हैं।

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देश की सुरक्षा में श्वान निभाते हैं अहम भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सेनाओं में सुरक्षाबलों के पास ऐसे बहुत से बहादुर श्वान हैं, जो देश के लिए जीते हैं और देश के लिए अपना बलिदान भी दे देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षित श्वान कितने सारे बम धमाकों को और आतंकी साजिशों को रोकने में अहम निभाते हैं। देश की सुरक्षा में श्वान काफी अहम भूमिका निभाते हैं।

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भारतीय सेना में प्रशिक्षित कुत्ते ना केवल आतंकी गतिविधियों को रोकने और हथियारों को बरामद करने में बल्कि हिमस्खलन, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कई लोगों के जीवन रक्षक भी बन कर सामने आए हैं। सेना के पास आठ अलग-अलग ट्रेड के कुत्ते हैं।

सेना के पास कुत्तों के जो ट्रेड हैं, उनमें ट्रैकर, गार्ड, माइन डिटेक्शन, एक्सप्लोसिव डिटेक्शन, इन्फैंट्री पेट्रोल, एवलांच रेस्क्यू ऑपरेशन, सर्च एंड रेस्क्यू, असॉल्ट एंड नारकोटिक डिटेक्शन डॉग शामिल हैं।

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