सेना दिवस पर गरजी बंदूकें, सैनिकों ने उरी में जैश के 6 आतंकवादी ढेर किए

Update:2018-01-15 12:51 IST

श्रीनगर: भारतीय सेना के कश्मीर में चलाए जा रहे 'ऑपरेशन आलआउट' के तहत सोमवार (15 जनवरी) को सुरक्षा बलों ने उरी सेक्टर में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी है। सेना ने इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकवादियों को मार गिराया। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने इस बात की जानकारी दी। कश्मीर में आर्मी ऑपरेशन ऑलआउट चला रही है। अब तक कश्मीर में 200 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना आज ही अपना 70वां सेना दिवस मना रही है।

एसपी वैद ने कहा, कि '28 सितंबर को कश्मीर के उरी के जोरावर इलाके में सिक्युरिटी फोर्स ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया था। फोर्स ने एनकाउंटर में एक आतंकी को मार गिराया था। उस दौरान तीन दिनों में कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया था। इसी तरह 11 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षा बलों ने ने एनकाउंटर में 3 आतंकियों को मार गिराया। डीजीपी वैद ने कहा, कि मारे गए तीनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे। पिछले 5 दिसंबर को दक्षिण कश्मीर में सिक्युरिटी फोर्स ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया। इनमें दो पाकिस्तान के नागरिक थे।

2017 में 203 आतंकी मारे गए

बता दें, कि साल 2017 में जम्मू-कश्मीर में 337 आतंकी घटनाएं सामने आईं। सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में 203 आतंकी मारे गए। आतंक के खिलाफ लड़ाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के 75 जवान शहीद हुए। यह जानकारी 19 दिसंबर को मोदी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में दी थी।

टेरर फंडिंग में 40 से ज्यादा लोगों पर गाज, रुकी पत्थरबाजी

कश्मीर में तैनात सिक्युरिटी अफसर बताते हैं कि टेरर फंडिंग पर नकेल कसने से पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। दरअसल, एनआईए ने कश्मीर में बड़ी तादाद में ऐसे बैंक खातों की पहचान की, जिनमें लगातार विदेशों से पैसा आता रहता था। ऐसे 40 से ज्यादा खातों को सील किया गया है। यह पैसा कृषि उपज या अन्य सामान के एक्सपोर्ट के बदले में आया दिखाया जाता था। फंडिंग में शामिल ज्यादातर लोग सफेदपोश थे और अपने आेवर ग्राउंड काडर की मदद से पत्थरबाजों को पैसा भेजते थे। अब, चूंकि इनमें से ज्यादातर लोग कश्मीर से बाहर की जेलों में भेज दिए गए हैं, इसलिए पैसे की पहुंच रुक गई है। इससे पत्थरबाजी में काफी कमी आई है ।

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