चीन की इस पॉलिसी से पटरी पर आएगी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

मोदी सरकार ने 2024 तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण में कई अहम...

Update: 2020-01-31 16:29 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 2024 तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण में कई अहम सुझाव दिए गए हैं। इसके साथ ही रोजगार देने के लिए चाइनीज फॉर्मूला सुझाया गया है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक चीन के फॉर्मूले को अपना कर 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य तक तेजी से बढ़ना भी संभव होगा।

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सर्वे के मुताबिक अगर हम चीन का मॉडल अपना लें तो 2025 तक चार करोड़ नौकरियां पैदा की जा सकती हैं और 2030 तक 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात में वृद्धि होने से देश में रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है, जिसकी अत्यधिक जरूरत है.

चीन प्राथमिक शिक्षा वाले कामगारों के लिए 7 करोड़ रोजगार सृजन करने में सक्षम हुआ था

सर्वे रिपोर्ट में इसका उदाहरण भी दिया गया है। इसके मुताबिक 2001 से 2006 की अवधि में, श्रम आधारित निर्यातों से चीन प्राथमिक शिक्षा वाले कामगारों के लिए 7 करोड़ रोजगार सृजन करने में सक्षम हुआ था। भारत में, निर्यात बढ़ने से 1999 से 2011 के बीच, अनौपचारिक क्षेत्र से लेकर औपचारिक क्षेत्र तक लगभग 8,00,000 रोजगार का सृजन करना संभव हुआ, जो श्रमिक शक्ति का 0.8 प्रतिशत है।

 

 

आर्थिक समीक्षा में यह सलाह दी गई है कि ‘एसेम्बल इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ को ‘मेक इन इंडिया’ से जोड़ने पर भारत के निर्यात बाजार का हिस्सा 2025 तक लगभग 3.5 प्रतिशत तथा 2030 तक 6 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि इस प्रक्रिया में, भारत 2025 तक अच्छे भुगतान वाले लगभग 4 करोड़ रोजगार और 2030 तक लगभग 8 करोड़ रोजगार का सृजन कर पाएगा। इससे 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक धन के लगभग एक-चौथाई का प्रबंध हो जाएगा।

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