हो गया बड़ा ऐलान! इन शहरों के बीच चलेंगी बुलेट ट्रेनें, देखिए लिस्ट

रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब देश को छह और कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन का गिफ्ट मिल सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बुधवार को कहा कि रेलवे ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों के लिए छह सेक्शन चिह्नित किए हैं।

Update: 2020-01-29 14:42 GMT

नई दिल्ली: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब देश को छह और कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन का गिफ्ट मिल सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बुधवार को कहा कि रेलवे ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों के लिए छह सेक्शन चिह्नित किए हैं, जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) एक साल में तैयार हो जाएगा।

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर पर पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है। हाई स्पीड कॉरिडोर पर ट्रेनें 300 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकती हैं, वहीं सेमी हाईस्पीड कॉरिडोर पर गाड़ियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा गति से चल सकती हैं।

आम बजट से पहले पत्रकारों से बातचीत में यादव ने बताया कि छह कॉरिडोरों में दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर) सेक्शन शामिल हैं। अन्य कॉरिडोर में मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद (711 किलोमीटर), चेन्नई-बेंगलोर-मैसूर (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल हैं।

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यादव ने कहा कि हमने इन छह कॉरिडोर को चिह्नित किया है और उनकी डीपीआर सालभर में तैयार हो जाएगी। डीपीआर में इन मार्गों की व्यवहार्यता का अध्ययन किया जाएगा, जिनमें भूमि की उपलब्धता तथा वहां यातायात की क्षमता आदि शामिल हैं। इन सबके अध्ययन के बाद हम निर्णय लेंगे कि वे हाईस्पीड होंगे या सेमी हाईस्पीड।

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उन्होंने कहा कि देश के पहले हाई स्पीड कॉरिडोर मुंबई-अहमदाबाद पर भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी हो जाएगी। यादव ने यह भी जानकारी दी कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत काम अगले छह महीने में पूरा हो जाएगा।

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