कोरोना की रफ्तार पर लगाम नहीं, चार राज्यों में कोशिशें फेल होने से बढ़ी चिंता

देश में कोरोना के पहले दस हजार केस 75 दिन में दर्ज किए गए थे, लेकिन यदि अंतिम दय हजार केसों की बात की जाए तो मात्र तीन दिन में ही मरीजों की संख्या इस आंकड़े को पार कर गई।

Update:2020-05-13 09:21 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना की रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रही है। पिछले तीन दिनों में दस हजार मरीजों के साथ कोरोना संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा 70000 के ऊपर पहुंच चुका है। देश के 4 राज्य सरकार के लिए विशेष चिंता का कारण बन गए हैं क्योंकि कोरोना संक्रमित मरीजों में से करीब 75 फ़ीसदी मरीज इन्हीं राज्यों के हैं।

तीन दिन में बढ़े दस हजार केस

कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए देश में इस समय लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है। लॉकडाउन के पिछले दो चरणों की तरह तीसरे चरण में भी सरकार ने कोरोना पर काबू पाने की तमाम कोशिशें की हैं मगर कोरोना की रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रही है। देश में कोरोना के पहले दस हजार केस 75 दिन में दर्ज किए गए थे, लेकिन यदि अंतिम दय हजार केसों की बात की जाए तो मात्र तीन दिन में ही मरीजों की संख्या इस आंकड़े को पार कर गई। इससे समझा जा सकता है कि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार को तो रिकॉर्ड 4213 नए केस दर्ज किए गए थे जबकि मंगलवार को 3604 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए।

चार राज्यों में हैं 75 फ़ीसदी मरीज

देश के चार राज्य सरकार के लिए विशेष चिंता का कारण बन गए हैं। देश के 75 फ़ीसदी केस इन्ही चार राज्यों से हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में कोरोना पर काबू पाने की कोशिशें फेल होती दिख रही है। महाराष्ट्र में तो कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा करीब साढ़े 23 हजार तक पहुंच गया है। गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े आठ हजार और तमिलनाडु में आठ हजार के ऊपर पहुंच गई है। दिल्ली में भी स्थितियां बहुत अच्छी नहीं है और यहां भी 7200 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं।

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अब इन चार राज्यों पर विशेष फोकस

केंद्र सरकार अब इन चार राज्यों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए विशेष रूप से फोकस कर रही है। इसके लिए केंद्र की ओर से कई टीमें भी इन राज्यों में भेजी गई हैं। ये टीमें राज्य सरकारों के साथ सामंजस्य बैठाकर अपने काम को अंजाम देने में जुटी हैं। सरकार की सबसे बड़ी चिंता कोरोना का सामुदायिक प्रसार रोकने को लेकर है। महाराष्ट्र में मुंबई और दिल्ली में आबादी का घनत्व काफी ज्यादा है और यहां पर कोरोना को रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

लॉकडाउन खोलने को लेकर दुविधा

सरकार इन चारों राज्यों में लॉकडाउन खोलने को लेकर भी दुविधा की स्थिति में है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान लॉकडाउन को बढ़ाने की वकालत की थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार को आर्थिक गतिविधियों के लिए कुछ रियायतें भी देनी चाहिए।

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पीएम मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ किया है कि लॉकडाउन का चौथा चरण नए रंग रूप में होगा। माना जा रहा है की लॉकडाउन के चौथे चरण में सख्ती के साथ कुछ रियायतें भी दी जाएंगी ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। जानकारों का कहना है कि रेड जोन वाले इलाकों में सख्ती की जा सकती है जबकि ऐसे इलाकों में छूट बढ़ाई जा सकती है जहां कोरोना के संक्रमण का ज्यादा खतरा नहीं है।

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