नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर पेश की जाने वाली झांकी इस बार खास होगी। देश में ही बना पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और हाल ही में लॉन्च की गई स्कोर्पियन पनडुब्बी आईएनएस कलवारी भारत की समुद्री ताकत का नमूना पेश करेंगे। स्कोर्पियन पनडुब्बी फ्रांस के सहयोग से बनाई जा रही है। ये संयोग ही है कि इस बार की परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि के रूप में राजपथ पर मौजूद रहेंगे।
क्या होगा खाास?
* नौसेना की झांकी में आईएनएस विक्रांत और आईएनएस कलवारी के मॉडल होंगे।
* विमानवाहक पोत विक्रांत पूरी तरह भारतीय डिजाइन पर कोच्चि शिपयार्ड में बनाया जा रहा है।
विमानवाहक पोत से जुड़ी जानकारियां
* स्कोर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी सरकारी उपक्रम मझगांव लिमिटेड में बनाई जा रही है।
* फ्रांसीसी कंपनियों डीसीएनएस और थेल्स से इनके लिए तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है।
* पहली पनडुब्बी का निर्माण दिसंबर 2006 में शुरू हुआ था।
* आगामी सितंबर में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
* इसके बाद 2020 तक हर नौ महीने में एक पनडुब्बी नौसेना में शामिल होगी।
* इन पनडुब्बियों पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी।
* आईएनएस विक्रांत को 2018 तक देश को समर्पित किए जाने की संभावना है।
* फिलहाल नौसेना के पास अभी आईएनएस विराट और आईएनएस विक्रमादित्य दो विमानवाहक पोत हैं।
* ये नौसेना का सबसे विशाल विमानवाहक पोत होगा।
* आईएनएस विक्रांत के बेड़े में शामिल होने पर आईएनएस विराट को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।