जयंती विशेष: अटल बिहारी वाजपेयी की ये बाते नहीं जानते होंगे आप

25 दिसंबर को देश के भूतपूर्व प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वाजपेयी का जन्म स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ।

Update:2019-12-24 21:13 IST

नई दिल्ली: 25 दिसंबर को देश के भूतपूर्व प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वाजपेयी का जन्म स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। अत: काव्य कला उन्हें विरासत में मिली। उन्होंने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और राष्‍ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन में संपादन कार्य किया।

अटल बिहारी वाजपेयी छात्र जीवन के दौरान पहली बार राजनीति में आए। वह वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। भारतीय जनता पार्टी को पहले जन संघ के नाम से जाना जाता था।

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वाजपेयी राजनीति में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुनकर आए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। वाजपेयी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।

1996 में वह पहली बार प्रधानमंत्री बने। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे।

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इसके अलावा विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।

वह आजीवन अविवाहित रहे। अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया।

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परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना डरे वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण किया। इसकी अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भनक तक नहीं लग पाई।

वाजेपयी से खाने बहुत शौकीन थे। उनकी मिठाई खाना बहुत पसंद था। वह एक प्रखर वक्ता थे और उनके सुनने के लिए कई किलोमीटर से चलकर लोग आते थे।

अटल बिहारी वाजपेयी नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। वाजपेयी पहले विदेशमंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था। अटल बिहारी वाजपेयी का बीमारी की वजह से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया।

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