मोदी सरकार की बड़ी जीत: नेपाल को जंग की राह पर ले जाने वाले रक्षामंत्री हटाये गये
ईश्वर पोखरेल का नेपाल के रक्षामंत्री के तौर पर अब तक का कार्यकाल शुरू से ही विवादों में रहा है। फिर चाहें बात भारत के खिलाफ भडकाऊ बयान देने की हो या फिर नेपाली सेना के साथ उनका अनबन। अपनी हरकतों से वे समय-समय पर ओली सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहे हैं। अब जबकि उन्हें रक्षामंत्री के पद से हटा दिया गया है, तो माना जाना रहा कि आने वाले दिनों में नेपाल और भारत के बीच एक बार फिर से कडवाहट मिटेगी और दोनों देशों के बीच रिश्ते मधर होंगे।
नई दिल्ली: नेपाल को आखिरकार भारत के आगे एक बार फिर से झुकना पड़ गया है। भारत के थल सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे के नेपाल दौरे की घोषणा होने के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री ओली ने अपने कैबिनेट के सबसे भरोसेमंद सहयोगी और सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे ईश्वर पोखरेल को रक्षा मंत्री के पद से हटा दिया है। रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी अब अपने पास रख ली है। पोखरेल फिलहाल पीएमओ में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे।
बता दें कि ईश्वर पोखरेल ने नेपाल का रक्षा मंत्री रहते हुए नेपाली सेना पर भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे के नेपाल संबंधी बयान का विरोध करने और प्रतिक्रिया देने के लिए दबाव डाला था, जिसे नेपाली सेना ने मानने से इनकार कर दिया था।
इतना ही नहीं भारत –नेपाल बॉर्डर के मसले पर रक्षा मंत्री रहते हुए ईश्वर पोखरेल ने नेपाली सेना के प्रमुख को जबरन कालापानी भेजा था, जबकि नेपाली सेना का साफ –साफ कहना था कि भारत के साथ कूटनीतिक या राजनीतिक विवाद में सेना को बीच में न लाया जाए।
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चीन के हाथों की कठपुतली बने हुए थे नेपाल के रक्षामंत्री
नेपाल में ऐसी भी चर्चा है कि नेपाली सेना के मना करने के बाद भी रक्षा मंत्री ने चीन से कोरोना काल में विवादित और काम न आने वाले टेस्ट किट और अन्य जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करते रहने को कहा था।
बाद में चीन से सप्लाई किये गये ज्यादातर सामान नेपाल की सेना के किसी भी काम नहीं आये और सब के सब बेकार हो गये। इस मामले ने तूल पकड़ लिया था और सेना की निष्ठा पर भी सवाल खड़े हो गये थे।
इतना ही नहीं नेपाल के रक्षा मंत्रालय के तरफ से मीडिया में ये झूठ फैलाया गया था कि सेना की तरफ से सामानों के खरीदारी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है।
नेपाली सेना के साथ लगातार विवाद में बने रहने के बाद रक्षा मंत्री को उनकी इस जिम्मेदारी से हटाने की भी बात सामने आ रही है।
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नेपाल के सेना प्रमुख से भी चल रही थी अनबन
इतना ही नहीं खबरें तो भी आ रही है कि रक्षा मंत्री की तरफ से नेपाली सेना को लेकर कई बार आपत्तिजनक बयान देने के कारण सेना प्रमुख और विभागीय मंत्री में पिछले कुछ महीनों से बातचीत नहीं हो रही थी।
रक्षा मंत्री की शिकायत लेकर नेपाली सेना के प्रमुख जनरल पूर्ण चन्द थापा ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
नेपाल से ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि राष्ट्रपति विद्या भंडारी जो कि इससे पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं, उन्होंने सेना को विवाद में घसीटने और सेना पर गलत आरोप लगाने वाले मंत्री को हटाए जाने के लिए लगातार ओली सरकार पर प्रेशर बनाने का काम किया था।
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