लखनऊ: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानि कि एनआईए का आईएस को लेकर ताजा खुलासा काफी चौकाने वाला है। एनआईए के अनुसार यूपी के राजधानी लखनऊ में रह रहे आईएसआईएस के आतंकियों के निशाने पर मुस्लिम धर्मगुरु भी थे। एक अंग्रेजी न्यूज़ पेपर ने दावा किया है कि मार्च को उज्जैन-भोपाल ट्रेन धमाका कराने वाले के आरोपियों ने शिया, बरेलवी और देवबंदी फिरकों के मौलानाओ पर भी हमले की योजना बनाई थी।
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अखबार की रिपोर्ट के अनुसार 31 अगस्त को लखनऊ की एक अदालत में एनआईए द्वारा दायर की गये आरोपपत्र में ये बातें कही गई हैं।
अख़बार ने अपने पास मौजूद आरोपपत्र की प्रति के हवाले से लिखा है कि आईएस आतंकियों की हिटलिस्ट में शामिल दो मौलानाओं के नाम को सुरक्षा कारणों से जाहिर नहीं किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार आईएस के कथित लखनऊ इकाई के सात स्लीपिंग सेल को धमाके के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं सैफुल्लाह नामक कथित आतंकी को एटीएस ने 8 मार्च को लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गिराया था।
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में हाथ से लिखा एक पर्चा पेश किया है जो कथित तौर पर सैफुल्लाह के मुठभेड़ की जगह से बरामद हुआ था। आरोपपत्र में कहा गया है, “जांच से स्थापित होता है कि आईएस के लोग भारत में आतंकवादी गतिविधियों के अलावा दूसरे समुदायों के मौलानाओं को निशाना बनाने की भी योजना बना रहे थे।”
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बतादें, यूपी और मध्यप्रदेश में हुए ट्रेन धमाके एवं ट्रेन डिरेल कराने के आरोप में एटीएस अभी तक एक दर्जन आईएस के सदस्यों को हिरासत में ले चुकी है जबकि लखनऊ के एक घर में छुपे कथित आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था।