Israel-Hamas War: केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में दिखने की होड़, IUML और CPM के बाद कांग्रेस ने की विशाल रैली
Israel-Hamas War: केरल में तो राजनीतिक दलों के बीच फिलिस्तीन समर्थक दिखने की होड़ मची है। राज्य के प्रभावशाली मुस्लिम संगठनों की ओर से विशाल आयोजन किए जा रहे हैं। इन रैलियों में मोदी सरकार की नीति की तीखी आलोचना होती है।
Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद से दुनियाभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। ज्यादातर प्रदर्शनों में फिलिस्तीनियों के प्रति सहानुभूति प्रकट की जा रही है। भारत में भी खासकर दक्षिणी राज्यों में ऐसे प्रदर्शन लगातार देखने को मिल रहे हैं। केरल में तो राजनीतिक दलों के बीच फिलिस्तीन समर्थक दिखने की होड़ मची है। राज्य के प्रभावशाली मुस्लिम संगठनों की ओर से विशाल आयोजन किए जा रहे हैं। इन रैलियों में मोदी सरकार की नीति की तीखी आलोचना होती है।
केरल में फिलिस्तीन का मुद्दा एक ऐसे मुद्दे के रूप में उभरा है, जहां सीपीएम की अगुवाई वाला सत्तारूढ़ एलडीफ गठबंधन और कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्षी यूडीएफ गठबंधन एक धरातल पर खड़ा है। सीपीएम द्वारा पिछले दिनों विशाल रैली करने के बाद अब कांग्रेस ने कोझिकोड में गुरूवार 23 नवंबर को फिलिस्तीनियों के समर्थन में रैली बुलाई। इसमें पार्टी के दो बड़े नेता केसी वेणुगोपाल और शशि थरूर शामिल हुए।
कांग्रेस फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रूख पर कायम
कांग्रेस के संगठन महासचिव और गांधी परिवार के करीबी केसी वेणुगोपाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रूख पर कायम है। जिसे महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू ने अपनाया था और बाद में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने उसे आगे बढ़ाया। कांग्रेस सरकार ने हमेशा इजरायल के हमले का विरोध किया और फिलिस्तीन के संघर्ष का समर्थन किया।
मोदी सरकार की इजरायल नीति पर साधा निशाना
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि भारत की जो इजरायल – फिलिस्तीन को लेकर नीति अब तक चली आ रही थी, उसे पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद बदल दिया। इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश की जनता का अपमान हुआ है।
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कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी और इजरायली पीएम की पर्सनल केमिस्ट्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू एक जैसे हैं। भारतीय जनता पार्टी विदेश नीति को जनसंपर्क कवायद के तौर पर इस्तेमाल कर रही है ताकि चुनावों में लाभ लिया जा सके।
कांग्रेस सांसद ने कहा था, नेतन्याहू की कर दी जाए हत्या
फिलिस्तीन एकजुटता रैली के नाम पर केरल में जमकर विवादित बयानबाजी भी हो रही है। पिछले दिनों कासरगोड में आयोजित एक ऐसी ही रैली में स्थानीय कांग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या कर देने की मांग कर डाली था। उन्होंने कहा था, नेतन्याहू को बिना मुकदमा चलाए गोली मारकर हत्या कर देनी चाहिए। इतना ही नहीं कांग्रेस सांसद ने अपने भाषण में आतंकी समूह हमास की खूब तारीफ भी की थी।
सीपीएम ने भी की थी विशाल रैली
इसी माह कांग्रेस से पहले सत्तारूढ़ सीपीएम ने कोझिकोड में ही फिलिस्तीन के समर्थन में विशाल रैली की थी। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने भाषण में मोदी सरकार और इजरायल की नेतन्याहू सरकार पर जमकर हमला बोला था। विजयन ने कहा था कि दोनों पूर्व जर्मन तानाशाह हिटलर की तरह नस्लीय कट्टरता से प्रेरित हैं। भारत सरकार यहां के लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है। उन्हें इजरायल के साथ सहयोग पर गर्व है। केंद्र सरकार ने इजरायल सरकार को समर्थन देकर देश की विदेश नीति को कमजोर कर दिया।
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क्यों फिलिस्तीनियों का समर्थन करने की लगी है होड़
केरल दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य है, जहां सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है। 2011 के जनगणना क मुताबिक, केरल की आबादी 3.50 करोड़ है, जिनमें 54.7 प्रतिशत हिंदू, 26.6 फीसदी मुस्लिम और 18.4 प्रतिशत ईसाई हैं। राज्य में मुसलमानों के कई प्रभावशाली संगठन हैं। चुनावों में जीत के लिए इनका समर्थन बेहद अहम माना जाता है। इसी को देखते हुए पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने खुलकर जंग को लेकर इजरायल की तीखी आलोचना की थी। वामपंथी पार्टियां दिल्ली से लेकर केरल तक लगातार इस मुद्दे को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं और कांग्रेस के रूख की आलोचना कर रही हैं। गुरूवार को हुई कांग्रेस की रैली को इसी के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।।