PM मोदी से मिले जम्मू-कश्मीर के विपक्षी नेता, कहा-सिर्फ विकास से नहीं निकलेगा हल

Update: 2016-08-22 08:58 GMT

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात की। बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर के हालात का समाधान सियासी तौर पर करे। बातचीत में पीएम मोदी ने माना कि सिर्फ विकास के जरिए ही घाटी की समस्या का हल नहीं निकला जा सकता।

इस मुलाकात में उमर ने जम्मू कश्मीर में सेना की ओर से पैलेट गन के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाए जाने की मांग की। इसके लिए वहां मौजूद नेताओं ने पीएम को एक ज्ञापन सौंपा।

इस मसले का हो सियासी हाल

प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से कहा कि जम्मू कश्मीर का मसला सियासी है। इसलिए इसका हल सियासी तौर से ही निकाला जाना चाहिए। उमर ने कहा कि वो वहां के हालात के लिए किसी पर भी आरोप नहीं लगाना चाहते और न ही इस मौके पर कोई राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि वहां के हालात सुधरे।

.. नहीं तो पनपेगा अलगाववाद

उमर अबदुल्ला की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर के विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से साउथ ब्लॉक में मुलाकात की। उमर ने कहा कि राज्य में अगर हालात पर तत्काल नियंत्रण नहीं पाया तो कश्मीर के युवाओं में अलगाव की भावना और पनपेगी।

पीएम से दखल की मांग

इस बैठक में विपक्ष के नेताओं ने प्रदेश में जमीनी हालात के बारे में पीएम नरेन्द्र मोदी को जानकारी दी। उन्होंने पीएम से अनुरोध किया कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें।

खून किसी का बहे, दुख बराबर होता है

पीएम ने कहा कि हिंसा के दौरान खून किसी का बहे, दुख बराबर ही होता है। हम अपने कष्ट को किसी जाति, मजहब, पुलिस या आम नागरिक में नहीं बांट सकते। केंद्र सरकार की स्पष्ट सोच है कि इस मुद्दे पर सियासत को दरकिनार कर खुले दिल और दिमाग से एक साथ बैठकर कोई रास्ता निकाला जाए।

राष्ट्रपति से भी मिला था दल

प्रतिनिधिमंडल ने भी यह माना कि राज्य में इस माहौल से निपटने के लिए सभी के साथ बातचीत करनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने इससे पहले पिछले हफ्ते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। इस दल में उमर अब्दुल्ला के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी.ए. मीर और माकपा के विधायक एम वाई तरीगामी भी शामिल थे।

45 दिनों से सुलग रही घाटी

गौरतलब है कि आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी पिछले 45 दिनों से अशांत है। श्रीनगर में कर्फ्यू जारी है। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कल राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि जिस काम को सरकार को करना चाहिए उसे विपक्ष कर रहा है। कश्मीर में आग अपनों की नाकामियों से लगी है। उसके लिए किसी और को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा। घाटी में जारी हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।

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