Delhi Jama Masjid: नूंह हिंसा पर बड़ी खबर, सीएम के एक्शन पर मस्जिद के शाही इमाम ने PM मोदी से कि ये अपील
Delhi Jama Masjid: दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि आज मुसलमानों को उनके मजहब को लेकर टारगेट किया जा रहा है। उन्हें खुलेआम धमकी दी जा रही है। मुस्लिम इन हालातों से परेशान हैं, वो सोच रहे हैं कि मुल्क का भविष्य क्या होगा ?
Delhi Jama Masjid: हरियाणा के नूंह में पिछले दिनों भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राज्य सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ लगातार आवाजें उठ रही हैं। अब दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि देश आज सांप्रदायिकता की गिरफ्त में है। ये आज बड़ा खतरा बन चुका है। बुखारी ने कहा कि पीएम मोदी मन की बात करते हैं, उन्हें मुसलमानों की मन की बात भी सुननी चाहिए।
दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि आज मुसलमानों को उनके मजहब को लेकर टारगेट किया जा रहा है। उन्हें खुलेआम धमकी दी जा रही है। मुस्लिम इन हालातों से परेशान हैं, वो सोच रहे हैं कि मुल्क का भविष्य क्या होगा ? केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू, सिख और ईसाई भी यही सोच रहे हैं। बुखारी ने आरोप लगाया कि ये सब केवल चुनाव की वजह से कराया जा रहा है।
हरियाणा में बुलडोजर एक्शन का किया विरोध
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने नूंह हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने के हरियाणा सरकार के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आज मेवात के मुसलमानों के पास घर नहीं है क्योंकि उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया गया है। शाही इमाम ने राज्य सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत का कोई कानून क्या ये कहता है कि बिना जांच के लोगों के घर गिरा दिए जाएं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नूंह में बेगुनाहों के मकान गिराए गए हैं। हालांकि, उन्होंने हिंसा में शामिल दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की वकालत भी की है।
सियासी पाला बदलने में माहिर रहे हैं सैयद अहमद बुखारी
दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी सियासी पाला बदलने में माहिर रहे हैं। चुनावों से पहले राजनीतिक दलों के प्रति अपने समर्थन का ऐलान करते रहे हैं। साल 2004 में उन्होंने तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर सनसनी मचा दिया था। 2012 में उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के समर्थन का ऐलान किया था। दो साल बाद ही यानी 2014 के आम चुनाव में उन्होंने मुसलमानों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। हालांकि, 2012 को छोड़ दें तो अधिकांश मौकों पर मुसलमानों के बीच उनकी अपील का कोई खास असर नहीं दिखा।