Jammu Kashmir Election Result : सच हुआ जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल, न्यूजट्रैक रहा सबसे सटीक
Jammu Kashmir Election Result: जम्मू कश्मीर में लगभग एक दशक बाद हुए विधानसभा के और जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में संशोधन कर केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में मतदाता का मन भांपने में न्यूजट्रैक सबसे सटीक रहा।
ammu Kashmir Election Result: जम्मू कश्मीर में लगभग एक दशक बाद हुए विधानसभा के और जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में संशोधन कर केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में मतदाता का मन भांपने में न्यूजट्रैक सबसे सटीक रहा। जम्मू कश्मीर में मतदान के ट्रेंड को देखते हुए न्यूजट्रैक ने मतदान के तत्काल बाद जो अपना एग्जिट पोल पब्लिश किया उसमें मतदाताओं ने आज के नतीजों पर मुहर लगा दी।
न्यूजट्रैक ने 5 अक्टूबर को कहा था कि एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। न्यूजट्रैक ने नेशनल कांफ्रेंस और सहयोगियों को 44 और पांच कम या ज्यादा की संभावना जताई थी। जबकि भाजपा को 26 सीटें देते हुए कहा था तीन सीटें कम या तीन सीटें बढ़ सकती हैं। न्यूजट्रैक ने अन्य यानी निर्दलीयों को 13 सीटें देते हुए तीन कम या ज्यादा होने की संभावना जतायी थी जबकि पीडीपी को चार सीटें देते हुए दो कम या दो ज्यादा की बात कही थी।
आज अब तक आए नतीजों में नेशनल कांफ्रेंस और सहयोगियों को 49 सीटें मिली हैं जो कि न्यूजट्रैक के 44+5=49 के एग्जिट पोल पर मोहर लगाती है। इसी तरह भाजपा को 29 सीट मिली हैं जो कि 26+3=29 के एग्जिट पोल पर मोहर लगाती है। पीडीपी को तीन सीटें मिली है यह भी न्यूजट्रैक के एग्जिट पोल 4-2=2 के एग्जिट पोल के निकट है। जबकि अन्य को न्यूजट्रैक ने 13 सीटें देते हुए तीन कम या ज्यादा कहा था आज आए नतीजे में अन्य को आठ सीटों का मिलना न्यूजट्रैक के एग्जिट पोल की विश्वसनीयता पर मोहर लगाता है।
जबकि तीन पोलस्टर - दैनिक भास्कर, इंडिया टुडे - सी वोटर और पीपल्स पल्स - नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को कम से कम 35 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। इसके बाद भाजपा का नंबर आता है, जिसे कम से कम 20 सीटें मिलने की उम्मीद जतायी गई थी और पीडीपी को 4-7 सीटें मिलने की बात कही गई थी।
जम्मू कश्मीर का यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि यह अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहला चुनाव था, जिसने पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनावी लड़ाई लड़ी, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा।
आपको बता दें कि इंडिया टुडे-सी वोटर का अनुमान था कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को 40-48 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 27-32 सीटें मिल सकती हैं। इंडिया टुडे-सीवोटर एग्जिट पोल के अनुमानों से पता चलता है कि कश्मीर क्षेत्र में भाजपा को मात्र 1 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना थी, जबकि विपक्ष के इंडिया ब्लॉक (नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और अन्य सहित) को 41 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। सर्वेक्षण में कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को 17 प्रतिशत वोट मिलने की भी भविष्यवाणी की गई थी। अन्य को इस क्षेत्र में 39 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जतायी गई थी।
दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को 35 से 40 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 20-25 सीटें मिल सकती हैं।
एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को कम से कम 43 सीटें मिलने की उम्मीद जतायी गई थी, उसके बाद भाजपा को 27 सीटें और पीडीपी को 8सीटें मिलने की उम्मीद थी। अनुमान के अनुसार छोटी पार्टियों को 18 सीटें मिल सकती थीं।
गुलिस्तान एग्जिट पोल ने बहुत करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की थी, जिसमें एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 31-36 सीटें और भाजपा को 28-30 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। इसने स्वतंत्र उम्मीदवारों के लिए किंगमेकर की भूमिका का भी संकेत दिया है, जिन्हें 19-23 सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी और पीडीपी को 5-7 सीटें मिलने की बात कही गई थी।