जम्मू-कश्मीर पर गवर्नर सत्यपाल मलिक का बड़ा बयान, मुझसे पीएम और गृहमंत्री ने...
जम्मू-कश्मीर में हाल में लिए गए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती समेत अन्य फैसलों के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इन फैसलों के बाद कश्मीर घाटी में कई तरह की झूठी सूचनाएं फैल रही हैं, जिसका सक्षम अधिकारी खंडन कर रहे हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में हाल में लिए गए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती समेत अन्य फैसलों के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इन फैसलों के बाद कश्मीर घाटी में कई तरह की झूठी सूचनाएं फैल रही हैं, जिसका सक्षम अधिकारी खंडन कर रहे हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पहले 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती, इसके बाद अमरनाथ यात्रा को अचानक रोकने और सैलानियों के जल्द से जल्द घाटी छोड़ने संबंधी सुरक्षा सलाह की घोषणा की गई है। इसके बाद से घाटी में कई तरह के कयास लग रहे हैं।
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इन चर्चाओं को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अफवाह मात्र बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सबसे बात की है, लेकिन ना तो प्रधानमंत्री मोदी ने और ना ही गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे ऐसी कोई चर्चा की है। बता दें कि कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 को खत्म किया जा सकता है।
इन अफवाहों पर राज्यपाल ने कहा कि संसद का सत्र अभी चल रहा है और अभी तीन-चार दिन और चलेगा। जो कुछ भी होगा, वह चुपके से नहीं होगा। यह संसद में रखा जाएगा और इसपर चर्चा होगी। अफवाह फैलाने की कोई वजह नहीं है। सोमवार, मंगलवार तक इंतजार कीजिए फिर कुछ कहिए। मैंने दिल्ली में सबसे बात की है और किसी ने मुझे कोई संकेत नहीं दिया है कि कुछ होने वाला है।
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राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि तीन राज्य बना दिए जाएंगे, कुछ लोग कह रहे हैं कि अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म कर दिया जाएगा, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी मुझसे ऐसी कोई चर्चा नहीं की है।
सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा, 'मैं कल के बारे में नहीं जानता हूं। यह मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन आज चिंता करने की कोई बात नहीं है।' उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती विशुद्ध रूप से सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम है।
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उन्होंने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से भी अपील की है कि वे अपने समर्थकों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहें।
इससे पहले उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के कई अन्य नेताओं से मुलाकात के बारे में कहा, 'वे संतुष्ट होकर गए हैं। उन्हें मुझसे जो उम्मीद थी, मैंने किया। जहां तक मुझे पता है, ऐसा कोई संकेत नहीं है कि कुछ होने वाला है।'
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बता दें कि राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा स्थिति इस तरह से पैदा हुई है जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी।