सरकार का कोरोना बहाना: रोजगार में अड़चन बनी महामारी, धरने पर बैठे लोग

मोरहाबादी मैदान, इन दिनों बेरोज़गारों का ठीकाना बना हुआ है। यहां पारा शिक्षक, सहायक पुलिसकर्मी, होमगार्ड के जवान और अब झारखंड सशस्त्र पुलिस के सफल अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। 

Update: 2020-10-06 13:52 GMT
बेरोजगारी को लेकर लोग बैठे धरने पर

रांची: झारखंड में महागठबंधन की सरकार रोज़गार देने के वादे के साथ सत्ता पर काबिज़ हुई। हालांकि, सरकार अभी हनीमून पीरियड से ग़ुज़र ही रही थी कि कोरोना वायरस ने दस्तक दे दिया। लिहाज़ा, हेमंत सोरेन की सरकार लोगों को कोविड-19 से बचाने में जुट गई। दूसरी तरफ हज़ारों की संख्या में बैठे बेरोज़गार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर टकटकी लगाए बैठे रहे। जब सब्र का बांध टूटा तो बेरोज़गारों ने राजधानी रांची की तरफ कूच करना शुरू किया।

मुख्यमंत्री आवास से महज़ कुछ क़दमों की दूरी पर मोरहाबादी मैदान है जो इन दिनों बेरोज़गारों का ठीकाना बना हुआ है। पारा शिक्षक, सहायक पुलिसकर्मी, होमगार्ड के जवान और अब झारखंड सशस्त्र पुलिस के सफल अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। कोई आत्महत्या की धमकी दे रहा है तो कोई बेमियादी हड़ताल पर जाने की बात कह रहा है। इन सबके बीच सत्ताधारी दल कोरोना महामारी को कारण बताकर हाथ खड़े कर रहा है।

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कोरोना वायरस बना रोजगार में अड़चन (फोटो- सोशल मीडिया)

सरकार के वित्त मंत्री ने खड़े किए हाथ

झारखंड सरकार की प्रमुख हिस्सेदार कांग्रेस ने चुनावी वादों में रोज़गार देने की बात कही थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कहते हैं कि, पार्टी और सरकार को अपना किया वादा याद है। मगर कोरोना वायरस ने लोगों को अपने घरों से निकलने नहीं दिया। अब स्थिति सुधर रही है तो सरकार अपना वादा भी पूरा करेगी।

बेरोज़गारों का दर्द तो सुनिए मंत्री जी

धनबाद की रहने वाली रेखा देवी पिछले तीन साल से बेरोज़गार हैं। कहती हैं कि, होमगार्ड नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी कर चुकी हैं लेकिन ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिल रहा है। जबतक नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता रांची से वापस नहीं जाऊंगी। धनबाद के ही रहने वाले सूरज कुमार कहते हैं कि, साल 2017 में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन नियुक्ति पत्र देने में विभाग आनाकानी कर रहा है।

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बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है झारखंड सशत्र पुलिस के सफल अभ्यर्थी गौरव कुमार कहते हैं कि, साल 2011 से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन अब तक प्रक्रिया चल ही रही है। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश से वर्ष 2015 में सफल अभ्यर्थियों की पहली सूची जारी हुई लेकिन सभी पदों को नहीं भरा गया। लिहाजा दूसरी सूची जारी करने की मांग को लेकर वे लोग धरना पर बैठे हैं।

निशिकांत मिश्रा (फोटो- सोशल मीडिया)

झारखंड में 7 लाख से अधिक रजिस्ट्रड बेरोज़गार

झारखंड के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की मानें तो 06 अक्टूबर 2020 तक रजिस्ट्रड बेरोज़गारों की संख्या 7 लाख 29 हज़ार 551 है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से रोज़गार देने के काम में अड़चन आई है। सहायक निदेशक नियोजन निशिकांत मिश्रा की मानें तो वर्तमान समय में रोज़गार मेला हो या फिर भर्ती कैंप की प्रक्रिया रुक गई है। आने वाले दिनों में इसे लेकर काम किया जाएगा।

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कोरोना के चलते बेरोजगारी भत्ता देने में हो रही देरी- सत्यानंद भोगता (फोटो- सोशल मीडिया)

बेरोज़गारी भत्ता देने की बात टली

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने सत्ता में आने के बाद बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोगता ने इसकी रूपरेखा बनाने का निर्देश दिया। विभागीय स्तर पर फाइलों का मूवमेंट भी शुरू हुआ लेकिन वो अंजाम तक नहीं पहुंच सका। मंत्री सत्यानंद भोगता कहते हैं कि, कोरोना महामारी की वजह से बेरोज़गारी भत्ता देने में देरी हो रही लेकिन सरकार अपना वादा ज़रूर पूरा करेगी।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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