न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त

Update:2018-06-22 22:05 IST

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सर्वोच्च न्यायालय में लगभग सात साल सेवा देने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। वह सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश रहे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर का अंतिम कामकाजी दिन 18 मई था, क्योंकि उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में ग्रीष्मावकाश हो गया।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर (65) सर्वोच्च न्यायालय के उन चार न्यायाधीशों में से हैं, जिनने 12 जनवरी को एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष में सबकुछ ठीक नहीं है।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ सार्वाजनिक तौर पर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आरोप लगाया था कि वह उचित पीठों को उचित मामलों के आवंटन में नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इससे शीर्ष अदालत की ईमानदारी पर संदेह पैदा हो सकता है।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के अलावा अन्य तीन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर शामिल रहे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के बाद प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगे और उसके बाद न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति लोकुर क्रमश: नवंबर और दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सर्वोच्च न्यायलय के पांच सदस्यीय कॉलेजियम के हिस्सा थे। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठता में छठा स्थान रखने वाले न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी कॉलेजियम का हिस्सा बनेंगे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर पांच सदस्यीय संविधान पीठ के भी हिस्सा थे, जिसने न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर के नेतृत्व में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को रद्द कर दिया था। यह अधिनियम ऊंची अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए बनाया गया था।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने अंतिम दिन 18 मई को परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के साथ प्रधान न्यायाधीश की अदालत में बैठे थे।

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण, उनके पुत्र प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे सहित कुछ वकीलों ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के साहस, न्यायिक दृष्टिकोण और ईमानदारी की प्रशंसा की थी और कहा था कि उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा में एक महान काम किया है।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 10 अक्टूबर, 2011 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उन्होंने 1976 में कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने कानूनी पेशे की शुरुआत थी। उन्हें मई 1999 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

--आईएएनएस

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