सिंधिया को भूली भाजपा: होने लगी अनदेखी, कांग्रेस ने उठाया मुद्दा, गरमाई सियासत

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया दसवें नंबर पर हैं जबकि उनके किसी भी समर्थक को इस सूची में जगह नहीं मिली है।

Update: 2020-10-15 03:28 GMT

अंशुमान तिवारी

भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची ज्योतिरादित्य सिंधिया को दसवें नंबर पर जगह मिली है। करीब सात महीने पहले कमलनाथ की सरकार गिरा कर शिवराज सिंह चौहान की सीएम के रूप में ताजपोशी कराने वाले सिंधिया प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के दौरान फ्रंट फुट पर बैटिंग करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं।

चुनाव के दौरान सिंधिया की अनदेखी पर कांग्रेस में तंज भी कसा है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने सिंधिया के जरिए अपना स्वार्थ साधने के बाद उन्हें किनारे लगा दिया है।

उपचुनाव में दोनों दलों ने झोंकी ताकत

मध्यप्रदेश में इन दिनों 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। उपचुनाव के नतीजे बड़ा सियासी संदेश देने वाले साबित होंगे और इससे राज्य की सत्ता भी तय होगी। यही कारण है कि दोनों दलों ने उपचुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। इस बीच चुनाव प्रचार में सिंधिया की अनदेखी पर कांग्रेस की ओर से तंज कसा गया है।

स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया काफी नीचे

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया दसवें नंबर पर हैं जबकि उनके किसी भी समर्थक को इस सूची में जगह नहीं मिली है। भाजपा के डिजिटल रथ से भी सिंधिया गायब हैं। कांग्रेस ने सिंधिया को महत्व देते हुए उन्हें चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया था मगर भाजपा में उनकी अनदेखी की जा रही है।

उपचुनाव से केंद्रीय नेतृत्व ने बनाई दूरी

वैसे भाजपा की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह का नाम भी नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व उपचुनाव के प्रचार से दूरी बनाकर चल रहा है।

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इस सूची से भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर का भी नाम नदारद है, लेकिन भाजपा का कोई भी नेता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

सिंधिया को नहीं मिल रहा कोई महत्व

कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल किया है कि क्या पीएम मोदी जनता के बीच अपनी अपील खो चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि मध्य प्रदेश के स्टार प्रचारकों की सूची में पीएम मोदी का नाम क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के नगीने के बल पर ही मध्यप्रदेश में राज कर रही है। मुख्यमंत्री रोज झुक-झुक कर मंच से सजदा करते हैं कि सिंधिया नहीं होते तो मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार भी नहीं बनती मगर उन्हें भी पार्टी की ओर से अब कोई महत्व नहीं मिल रहा है।

उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में सबसे आखिर में डाल रखा गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले ही इस बात की जानकारी थी कि भाजपा का काम उपयोग करने के बाद फेंकने का है। लगता है कि भाजपा में सिंधिया का उपयोग पूरा हो चुका।

भाजपा के रथ में भी सिंधिया को जगह नहीं

भाजपा के चुनाव प्रचार रथ के पोस्टर में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह नहीं मिली है। इस रथ के पोस्टर में सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की फोटो ही लगाई गई है।

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प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए यह रथ बिहार से लाया गया है और इसका एक दिन का खर्चा करीब एक लाख रुपए बताया जाता है।

शिवराज बनाम कमलनाथ में तब्दील हुई जंग

सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की बातों में दम दिखता है क्योंकि चुनावी सीन में सिंधिया उतनी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं अदा कर रहे हैं जितनी कि उन्हें करनी चाहिए।

भाजपा के चुनावी मोर्चे की कमान पूरी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाल रखी है। पूरी चुनावी जंग में शिवराज सिंह चौहान बनाम कमलनाथ में तब्दील हो चुकी है। दोनों नेताओं के बीच रोज आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।

सिंधिया ने कसा दिग्विजय सिंह पर तंज

दूसरी ओर अपने चुनावी सभाओं में सिंधिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के चुनावी सीन से गायब होने पर तंज कसने में जुटे हुए हैं। अपनी चुनावी सभाओं में वे यह मुद्दा जरूर उठाते हैं।

उनका कहना है कि चुनाव आते ही दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे चले जाते हैं और चुनाव खत्म हो जाने पर फिर भाजपा से दो-दो हाथ करने की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर आ जाती है। उनका कहना है कि प्रदेश में 28 सीटों पर महत्वपूर्ण चुनाव हो रहे हैं मगर दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार में कहीं भी नहीं दिख रहे हैं।

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