कांग्रेस में महाभारत, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ में भिड़ंत

मध्‍य प्रदेश कांग्रेस में चल रहा महाभारत अब जगजाहिर हो चुका है। सरकार के कामकाज को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी नाराजगी जाहिर करते रहते हैं, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता लड़ाई को खत्म करने की कोशिशों में जुटे हैं।

Update: 2020-02-15 14:20 GMT

भोपाल: मध्‍य प्रदेश कांग्रेस में चल रहा महाभारत अब जगजाहिर हो चुका है। सरकार के कामकाज को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी नाराजगी जाहिर करते रहते हैं, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता लड़ाई को खत्म करने की कोशिशों में जुटे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के बयान पर दो टूक कहा कि वह (सड़क पर) उतर सकते हैं।

दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस को चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, हालांकि सपा, बसपा और निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार बना ली थी और वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद से ही लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग मुद्दों को लेकर कमलनाथ सरकार पर हमला करते रहते हैं।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को नहीं निभाया है। इसके अलावा सिंधिया ने टीकमगढ़ की एक सभा में अतिथि शिक्षकों से कहा था कि हमारी सरकार यदि वचनपत्र में दिए वचनों को पूरा नहीं करेगी तो वो अतिथि शिक्षकों के साथ सड़क पर उतरेंगे। शनिवार को पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो कमलनाथ ने गुस्से में दो टूक जवाब देते हुए कहा कि 'तो वो उतर जाएं'।

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गौरतलब है कि इससे पहले कमलनाथ और सिंधिया के बीच विवाद तब ज्यादा खुलकर सामने आ गया, जब शिक्षकों के समर्थन में अपने ही सरकार के खिलाफ सिंधिया ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दे दी थी। शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग आयोजित की गई जिसमें सीएम और सिंधिया समेत पार्टी के प्रदेश स्तर के कई बड़े नेता शामिल हुए।

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बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंश पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार अभी बनी है, एक साल हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। बारी हमारी आएगी, ये विश्वास मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा।

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