फिर बैंक घोटाला: 285 करोड़ रुपये का कर्ज इनपर बकाया, RBI ने की ये कार्रवाई

प्राइवेट सेक्टर के कर्नाटक बैंक की चार इकाइयों के खातें एनपीए कर दिए गए हैं। बैंक ने एलान किया कि उनके ऋण खातों में धोखाधड़ी हुई है। कर्नाटक बैंक ने मामले की सूचना रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से की।

Update: 2020-06-06 13:47 GMT

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक को 285 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले की जानकारी मिली है। करोड़ो का खोटाला प्राइवेट बैंक से सामने आया है। बैंक ने आरबीआई को जानकारी दी कि उनके 4 लोन अकाउंट में 285 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है। मामला सामने आने के बाद इन चारों खातों को . इन खातों को गैर निष्पादित आस्ति (NPA) घोषित कर दिया गया है।

कर्नाटक बैंक में 285 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के कर्नाटक बैंक की चार इकाइयों के खातें एनपीए कर दिए गए हैं। बैंक ने एलान किया कि उनके ऋण खातों में धोखाधड़ी हुई है। कर्नाटक बैंक ने मामले की सूचना रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से की। वहीं शेयर बाजारों को भी सूचना भेजी, जिसमें कहा गया कि बैंक से कुल 285.52 करोड़ रुपये के ऋण का घोटाला हुआ है।

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि बैंकों के गठजोड़, जिसमे कर्नाटक बैंक भी शामिल था ने साल 2009 से 2014 के बीच चार इकाइयों को लोन दिया था, जिसमें दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL), रेलिगेयर फिनवेस्ट, फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग लि. और लील इलेक्ट्रिकल्स का नाम शामिल हैं।

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इन इकाइयों के खातों में इतना कर्ज बकाया

इनमें सबसे ज्यादा कर्ज डीएचएफएल पर बकाया है। जानकारी के मुताबिक, डीएचएफएल पर 180.13 करोड़ का लोन हैं, वहीं रेलिगेयर फिनवेस्ट पर 43.44 करोड़ रुपये, फेडर्स इलेक्ट्रिक पर 41.30 करोड़ रुपये और लील इलेक्ट्रिकल्स पर 20.65 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।

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