Karnataka Congress: सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कैसे मिटेंगी दूरियां, राहुल के सामने गले तो मिले मगर संकट बरकरार

Karnataka Congress: राहुल की मौजूदगी में बुधवार को शिवकुमार ने गले मिलकर सिद्धारमैया को 75वें जन्मदिवस की बधाई दी। सार्वजनिक तौर पर हुए गले मिलन के इस कार्यक्रम के जरिए पार्टी की ओर से पूरी तरह एकजुट होने का संदेश देने की कोशिश की गई।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-04 13:18 IST

डीके शिवकुमार, राहुल गांधी और सिद्धारमैया (साभार न्यूज़ नेटवर्क)

Karnataka Congress Crisis: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी की कर्नाटक इकाई में चल रही खींचतान को खत्म करने की कोशिश में जुट गए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने के लिए उन्होंने ठोस पहल शुरू कर दी है। राहुल की मौजूदगी में बुधवार को शिवकुमार ने गले मिलकर सिद्धारमैया को 75वें जन्मदिवस की बधाई दी। सार्वजनिक तौर पर हुए गले मिलन के इस कार्यक्रम के जरिए पार्टी की ओर से पूरी तरह एकजुट होने का संदेश देने की कोशिश की गई।

बाद में उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं के गले मिलने पर खुशी जताई। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर गले मिलकर एकजुटता का संदेश भले ही दिया हो मगर जानकारों का कहना है कि असल मायने में एकजुटता पैदा होना काफी मुश्किल काम है। दर असल सीएम चेहरे को लेकर दोनों नेताओं और उनके समर्थकों में जबर्दस्त जोड़ तोड़ चल रही है। दोनों नेताओं के बीच चल रही इस खींचतान को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी चिंतित और परेशान है।

दोनों के मेल-मिलाप की राहुल की कोशिश

कर्नाटक में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसलिए कांग्रेस में भी लॉबिंग का दौर चल रहा है। राहुल गांधी ने बुधवार को अपने कर्नाटक दौरे के समय दोनों नेताओं के बीच खींचतान खत्म कराने की कोशिश की। अभी तक सिद्धारमैया को बधाई देने से परहेज करने वाले वरिष्ठ नेता शिवकुमार ने गले मिलकर सिद्धारमैया को 75वें जन्मदिन की बधाई दी। जानकारों का कहना है कि राहुल की पहल पर हुए इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को पार्टी के पूरी तरह एकजुट होने और वरिष्ठ नेताओं में कोई मतभेद ना होने का संदेश देने की कोशिश की गई।

गले मिलकर दिखाई एकजुटता 

बाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं को गले मिलता देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई है। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और हम बीजेपी और आरएसएस को हराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने राज्य के लोगों से निष्पक्ष और ईमानदार सरकार देने का वादा भी किया।

उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस लोगों का समर्थन पाने में कामयाब रही तो हम प्रदेश विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने भाजपा और संघ पर नफरत की राजनीति करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के लोगों से पूछा जाए तो वे भी यही जवाब देंगे कि कांग्रेस के कार्यकाल में जैसा सौहार्द था, वैसा अब नहीं है। 

सीएम चेहरे को लेकर दोनों गुटों में खींचतान 

दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में चल रही खींचतान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है। दरअसल कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में दोनों नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। दोनों नेताओं के समर्थकों की ओर से अपने नेता को सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग की जा रही है। 

इसी कारण पार्टी में गुटबाजी चरम पर है और पार्टी दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है। हालांकि पार्टी के दूसरे नेताओं का मानना है कि पहले पार्टी को चुनाव जीतने पर फोकस करना चाहिए और मुख्यमंत्री पद का सवाल तो चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद ही तय किया जा सकता है। 

दूरियां खत्म होने की संभावना नहीं

वैसे दोनों नेता सीएम पद की दावेदारी को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं मगर दोनों गुटों से जुड़े नेता दावेदारी को लेकर खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। वैसे सियासी जानकारों का कहना है कि विधायकों में शिवकुमार की अपेक्षा सिद्धारमैया ज्यादा मजबूत नजर आ रहे हैं मगर शिवकुमार गुट के नेताओं का कहना है कि वे प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ ही मुख्यमंत्री पद के भी स्वाभाविक दावेदार हैं।

दोनों गुटों के बीच चल रही खींचतान के कारण दोनों नेताओं के गले मिलने के बावजूद दोनों खेमों के बीच पैदा हुई दूरियां खत्म होने की संभावना नहीं दिख रही है। आने वाले दिनों में यह साफ हो सकेगा कि दोनों नेताओं को गले मिलवाकर राहुल गांधी को अपनी मुहिम में किस हद तक कामयाबी मिली है।

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