Kerala PFI Case: ईसाई प्रोफेसर का हाथ काटने वाला मुख्य आरोपी 13 साल बाद गिरफ्तार, NIA ने रखा था 10 लाख का इनाम
Kerala PFI Case: सवाद 13 साल से अधिक समय से फरार चल रहा था और जांच एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रूपये का इनाम रखा था।
Kerala PFI Case: केरल में एक ईसाई प्रोफेसर का पीएफआई के कारिदों ने हाथ काट दिया था। प्रोफेसर पर इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप था। इस मामले के मुख्य आरोपी सवाद को एनआईए ने बुधवार को केरल के कन्नूर जिले से पकड़ा है। सवाद 13 साल से अधिक समय से फरार चल रहा था और जांच एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रूपये का इनाम रखा था।
दरअसल, ये मामला 4 जुलाई 2010 का है। केरल के एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर जोसेफ अपने परिवार के साथ चर्च से घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में पीएफआई के सात गुर्गों ने उनकी गाड़ी रोक दी और प्रोफेसर जोसेफ को खींचकर बाहर निकाला। इसके बाद उनके साथ मारपीट की गई और मुख्य आरोपी सवाद ने उनके दाहिने हाथ का पंजा काट कर अलग कर दिया। बाद में डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनका हाथ जोड़ दिया था।
मास्टरमाइंड तक अब भी नहीं पहुंच पाई एनआईए – जोसेफ
पीड़ित प्रोफेसर टीजे जोसेफ की मुख्य आरोपी सवाद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि सवाद की गिरफ्तारी से मुझे कोई मतलब नहीं है। हमले के पीछे के मास्टरमाइंड अभी भी छिपे हुए हैं। जांच एजेंसी अभी भी उन तक नहीं पहुंच पाई है। जोसेफ ने दावा किया कि मैं अभी भी हमलावरों को पहचान कर सकता हूं।
प्रोफेसर जोसेफ इडुक्की जिले के थोडुपुझा स्थित न्यूमैन कॉलेज में पढ़ाते थे। इसी कॉलेज में बीकॉम के लिए एक प्रश्न पत्र बनाया था, जिसमें एक सवाल को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथी भड़क गए थे। इसके बाद वो पीएफआई समेत अन्य कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर आ गए थे। हमले के बाद भी प्रोफेसर की मुश्किलें कम नहीं हुई थीं।
घटना के दो महीने बाद ही कॉलेज ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। जिससे उनका परिवार तनाव में चला गया था। 2014 में उनकी पत्नी ने सुसाइड कर लिया था। जिसके बाद कॉलेज ने पुनः जोसेफ को नौकरी पर रखा। लेकिन वो अधिक दिनों तक काम नहीं कर पाए और 31 मार्च 2014 को रिटायर हो गए। बता दें कि इसी चर्चित घटना के बाद प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सुर्खियों में था और उस पर ऐसे ही कई और गंभीर आरोप लगे।