Khushbu Sundar: कौन हैं खुशबू सुंदर, राहुल की सदस्यता जाने के बाद जिनका ट्वीट हो रहा वायरल

Khushbu Sundar: राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या और बीजेपी नेत्री खुशबू सुंदर का एक ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। पांच साल पुराने इस ट्वीट को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना भी साधा है।

Update:2023-03-25 17:22 IST
Khushbu Sundar (photo: social media )

Khushbu Sundar: मानहानि केस में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई है। इसे लेकर देश में सियासी भूचाल आया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी इसे लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या और बीजेपी नेत्री खुशबू सुंदर का एक ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। पांच साल पुराने इस ट्वीट को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना भी साधा है।

दरअसल, गुरूवार को सूरत की एक अदालत ने चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा सांसद रहे राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा पर मचा सियासी शोर थमा भी नहीं था कि लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की जानकारी दे दी। जिसके बाद तो विपक्ष केंद्र पर और मुखर हो गया। पिछले तीन दिनों से इस पर सियासी घमासान जारी है।

क्या है खुशबू सुंदर का वायरल ट्वीट?

राहुल गांधी को मोदी सरनेम को चोर बताने वाले बयान पर सजा हुई है। खुशबू सुंदर ने साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था – यहां मोदी वहां मोदी जहां देखो मोदी...लेकिन ये क्यों ? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचारी सरनेम लगा हुआ है ? मोदी मतलब भ्रष्टाचार... चलिए मोदी का मतलब भ्रष्टाचार कर देते हैं। ये ट्वीट उस समय का है, जब खुशबू सुंदर कांग्रेस में रहकर राजनीति कर रही थीं। इसे लेकर उस दौरान बवाल भी हुआ था।

खुशबू सुंदर के इस पुराने चर्चित ट्वीट को कांग्रेस ने अतीत के तहखाने से झाड़ - पोंछकर बाहर निकाला है। पार्टी ने इस ट्वीट को रीट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि क्या पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मानहानि का केस दायर करेंगे। गौरतलब है कि पूर्णेश मोदी ने ही राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

राहुल की सांसदी जाने पर क्या कहा था खुशबू ने ?

कांग्रेस से बीजेपी में आईं खुशबू सुंदर ने पिछले दिनों राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने को लेकर भी ट्वीट किया था। उन्होंने इसे लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। एक ट्वीट में वो राहुल के पुराने बयान को कोट करते हुए कहती हैं - उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि वह दुर्भाग्य से सांसद हैं। उनकी बात सच हो गई है। कहानी का नैतिक: सकारात्मक सोचें। नकारात्मकता आपको कहीं नहीं ले जाती!

एक अन्य ट्वीट में वो कहती हैं – मनमोहन सिंह 2013 में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक अध्यादेश लाना चाहते थे, मगर राहुल गांधी ने उसे फाड़ दिया। यह विडंबना ही है कि उनकी सदस्यता आज उसी फैसले से गई है।

कौन हैं खुशबू सुंदर ?

खुशबू सुंदर एक जानी-मानी साउथ इंडियन फिल्म कलाकार हैं। वह भी दक्षिण के उन कलाकारों में शुमार हैं जो सिनेमाई जगत से होते हुए सियासी जगत में पहुंची हैं। उन्हें हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। सुंदर एक फिल्म अभिनेत्री होने के साथ-साथ निर्माता और टेलीविजन प्रस्तुता रही हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में सैंकड़ों फिल्म में काम किया है। दक्षिण भारत खासकर तमिल सिनेमा इंडस्ट्री में वो इतनी मशहूर हैं कि उनके फैंस उनका मंदिर तक बनवा चुके हैं।

मुस्लिम परिवार में हुई थीं पैदा

खुशबू सुंदर का जन्म 29 सितंबर 1970 को मुंबई में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नखत खान है। साल 2000 में उन्होंने फिल्म निर्माता, निर्देशक और एक्टर विनयगर सुंदर वेल उर्फ सुंदर सी. से शादी की। शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर खुशबू सुंदर रख लिया। उनकी दो बेटियां हैं, अवंतिका और आनंदित। अपनी बेटी के नाम पर ही उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस का नाम अवनी सिनेमैक्स रखा है।

बाल कलाकार के रूप में करियर की हुई थी शुरूआत

खुशबू सुंदर फिल्म इंडस्ट्री के उन कलाकरों में शुमार हैं, जिनका सिनेमा में करियर बचपन से ही शुरू हो गया था। साल 1980 में आई चर्चित फिल्म द बर्निंग ट्रेन में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्होंने काम किया था। इसके बाद उन्होंने नसीब’, ‘लावारिस’, ‘कालिया’ और ‘दर्द का रिश्ता जैसी हिट बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।

खुशबू इसके बाद साउथ के सिनेमा इंडस्ट्री में एक्टिव हो गईं और उन्होंने वहां खूब नाम भी कमाया। दक्षिण के चारों भाषाओं तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ की कई फिल्मो में उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया। उनके काम की वहां काफी प्रशंसा होने लगी और उन्होंने 150 से अधिक फिल्मों में वहां काम किया।

सियासी सफर की शुरूआत

दक्षिण भारत में अक्सर किसी सफल फिल्म कलाकार का अगला पड़ाव राजनीति होता है। खुशबू सुंदर भी इसका अपवाद नहीं थीं। साल 2010 में उन्होंने सियासत में एंट्री मारी और उस दौरान पॉवर में रही डीएमके को ज्वाइन किया। चार साल बाद उनका डीएमके से मोहभंग हो गया और सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गईं। कांग्रेस उस समय न तो केंद्र की सत्ता में थी और न ही राज्य में। लिहाजा खुशबू को समझ आ गया कि यहां उनका सियासी भविष्य सुरक्षित नहीं रहने वाला।

साल 2020 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। उन्होंने इसके पीछे पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व को बताया। अगले साल तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट भी दिया, लेकिन वह जीत नहीं सकीं। एक साल बाद यानी 2023 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया।

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