धोखेबाजी की चीन को सजाः अब प्रोटोकाल आडे नहीं आएगा, सेना को मिली खुली छूट

लद्दाख में गलवान घाटी में बीते 15 जून को चीनी सैनिकों की धोखेबाजी में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। जिसके बाद भारत ने लोगों में आक्रोश का माहौल है। वहीं सरकार ने भी अपना रुख और सख्त कर लिया है।

Update:2020-06-22 10:46 IST

नई दिल्ली: लद्दाख में गलवान घाटी में बीते 15 जून को चीनी सैनिकों की धोखेबाजी में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। जिसके बाद भारत ने लोगों में आक्रोश का माहौल है। वहीं सरकार ने भी अपना रुख और सख्त कर लिया है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन की तरफ से प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया था। जबकि भारत के सैनिकों ने प्रोटोकॉल का बखूबी पालन किया। जिसके बाद सरकार की तरफ से सेना को खुली छूट दे दी गई है।

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भारत सरकार ने सेना को दी खुली छूट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से सेना को खुली छूट दे दी गई है। सैनिकों से कहा गया है कि वह कोई भी एक्शन ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर सैनिकों की जान पर बात आ जाती है और उनकी जान को खतरा होता है तो वो बिना प्रोटोकॉल की चिंता किए बिना अपना सेल्फ डिफेंस करें।

चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ की थी धोखेबाजी

बता दें कि बीते सोमवार की रात भारतीय सैनिकों का एक दस्ता चीन के सैनिकों से एक पोस्ट को लेकर बात करने जा रहा था, तभी चीनी सैनिकों ने अपनी चाल चली और भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। चीन की तरफ से की गई धोखेबाजी में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इस हिंसक झड़प में भारत की तरफ से हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया, लेकिन चीनी सेना ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।

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सेना सेल्फ डिफेंस करे, ना करे प्रोटोकॉल की चिंता

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच बीते कई सालों से सीमा पर विवाद जारी है। ऐसे में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था कि चाहे जितनी भी तनावपूर्ण स्थिति आ जाए बॉर्डर पर हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यहां तक कोई सैनिक गोली भी नहीं चलाएगा, लेकिन चीनी सैनिकों ने 15 जून की रात भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए नुकीले हथियारों का इस्तेमाल किया था। लेकिन अब सरकार ने सेना को स्पष्ट कर दिया है कि दूसरे तरफ से उकसाए जाने पर सेना माकूल जवाब दे।

चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उठाए गए कई कदम

बता दें कि गलवान घाटी में हुए इस हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार की ओर से चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं। वहीं इस घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश का भी माहौल है। दूसरी ओर भारत ने शांति की कोशिशों को बरकरार रखा है। दोनों देशों के बीच स्थिति को सामान्य करने के लिए बातचीत जारी है।

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आर्मी को इमरजेंसी फंड के तहत दिया 500 करोड़ रुपये

वहीं इस घटना के बाद से ही भारत की तीनों (जल, थल और वायु) सेनाएं अलर्ट हैं। लद्दाख के पास लगातार थल सेना को भेजा जा रहा है। इसके साथ ही बॉर्डर और आसपास के इलाकों में तैनाती बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही इंडियन एयर फोर्स ने भी लेह एयरबेस पर अपने पैर जमा लिए हैं। इस बीच सरकार ने आर्मी को इमरजेंसी फंड के तहत 500 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। इसके साथ ही सेना को यह भी छूट दी गई है कि जरूरत के मुताबिक वे किसी भी हथियार को तुरंत खरीदा सकते हैं।

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विदेश नीति के मोर्चे पर भी चीन को घेरेगा भारत

बता दें कि ना केवल सैन्य तरीक से बल्कि विदेश नीति के मोर्चे पर भी चीन को घेरने की तैयारी है। चीन से जारी विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की थी। बता दें कि अमेरिका ने भी गलवान घाटी पर हुई घटना के बाद भारत का समर्थन किया है और इसके लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं इसके अलावा चीनी मीडिया ने भी हमेशा की तरफ प्रोपेगेंडा फैलाना शुरू कर दिया है। वहां के विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी पर अपना दावा किया तो वहीं भारत की तरफ से भी इसका कड़ा जवाब दिया गया। जिससे चीन के झूठ पर्दाफाश हो गया।

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रक्षा मंत्री राजनाथ जाएंगे रूस

वहीं इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ आज यानी सोमवार को रूस के लिए रवाना हो रहे हैं। यहां पर कई अन्य देशों के प्रमुख और अधिकारी पर पहुंचने वाले हैं। इस दौरान यहां भारत ने चीन को दरकिनार करने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री अपने इस दौरे में किसी भी चीनी अधिकारी या मंत्री के साथ मुलाकात नहीं करेंगे। इसके अलावा भारत ने मित्र देशों के सामने चीन के चालबाजी को बता चुका है।

चीन के खिलाफ भारत एकजुट

वहीं चीन के खिलाफ भारत ने एकजुटता दिखाई है। विपक्षी पार्टियों ने भी भारत सरकार का समर्थन करने का फैसला किया। साथ ही ये भी कहा कि यह समय एकता और एकजुटता का है। सभी चीन के खिलाफ एकजुट होकर सामने आए हैं। इसके अलावा भारत ने चीन को आर्थिक चोट भी दी है। भारत सरकार ने बीएसएनल-एमटीएनएल से चीनी सामानों का इस्तेमाल कम करने को कहा है। साथ ही रेलवे ने भी चीनी कंपनी से करार खत्म कर लिया। इसके अलावा चीनी उत्पादों का भी बायकॉट होने की बात हो रही है।

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