एग्जिट पोल पर 29 अप्रैल तक लगी रोक, चुनाव आयोग ने जारी किया आदेश

यह रोक असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तराखंड में प्रभावी रहेगी। 

Update:2021-03-27 11:45 IST
एग्जिट पोल पर आज सुबह से 29 अप्रैल तक लगी रोक

चुनाव आयोग ने आज सुबह सात बजे से असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी की विधान-सभाओं के लिए आम चुनाव तथा लोक सभा एवं विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के उप चुनाव में एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जनप्रतिनिधि अधिनियम

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने निर्देश में जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए की उपधारा (1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 27 मार्च, शनिवार सुबह 7:00 बजे से 29 अप्रैल, 2021 (गुरुवार) शाम 7:30 बजे के बीच की समय अवधि को अधिसूचित किया है।

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प्रचार करना निषिद्ध

इस अवधि के दौरान;असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी की विधानसभाओं के आम चुनाव तथा लोक सभा एवं विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के उप चुनाव के संबंध में किसी भी एग्जिट पोल का संकलन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से एग्जिट पोल के परिणामों को प्रकाशित करना या प्रचार करना निषिद्ध होगा। उक्त चुनावों की अधिसूचना निर्वाचन आयोग द्वारा 26 फरवरी, 2021 और 16 मार्च, 2021 के प्रेस नोट द्वारा जारी की गयी थी।

 

जनमत सर्वेक्षण

जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) (बी) के तहत, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी जनमत सर्वेक्षण या कोई अन्य चुनाव सर्वेक्षण के परिणामों समेत किसी भी चुनावी सामग्री को प्रदर्शित करना,आम चुनाव और उपचुनाव के प्रत्येक चरण के संबंधित मतदान क्षेत्रों में मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के साथ पूर्ववर्ती 48 घंटे की अवधि के दौरान निषिद्ध होगा।

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खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई

यह रोक असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तराखंड में प्रभावी रहेगी। आयोग ने कहा है कि यदि किसी ने इस अवधि के दौरान जनप्रतिनिधि कानून की धारा 126(1) (बी) के तहत इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत दो साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों सजा एकसाथ हो सकती है।

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