कोरोना के बाद ऐसी होगी जिंदगी, दुनिया में बदल जाएंगी ये 7 बड़ी चीजें

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया तहस-नहस कर कर रख दी है।  लोग जिंदगी और मौत के भय के बीच घरों में कैद जूझ रहे हैं।कोरोना वायरस अगर खत्म भी हो जाएगा तो वैश्विक और आम स्तर पर कई बदलाव आएंगे। ज़िंदगी को लेकर हर किसी का नजरिया बदल जाएगा। अगर कल को कोरोना खत्म भी जाएगा तो देश दुनिया में यह सारे बदलाव देखने को मिलेंगे।

Update:2020-05-04 20:32 IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया तहस-नहस कर कर रख दी है। लोग जिंदगी और मौत के भय के बीच घरों में कैद जूझ रहे हैं।कोरोना वायरस अगर खत्म भी हो जाएगा तो वैश्विक और आम स्तर पर कई बदलाव आएंगे। ज़िंदगी को लेकर हर किसी का नजरिया बदल जाएगा। अगर कल को कोरोना खत्म भी जाएगा तो देश दुनिया में यह सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसके साथ जीना लोगों की नियती बनने वाली है।

 

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सेहत पर प्रभाव

सरकार जितना रक्षा पर खर्च करती है, उतना ही अब हेल्थ पर भी करना जरूरी होगा। अब आम लोगों के हेल्थ को प्राथमिकता दी जाएगी, सरकारी स्वास्थ्य तंत्र को विकसित किया जाएगा, क्योंकि प्राइवेट सेक्टर इस महामारी से प्रभावित हो सकता है।

वहीं देश में, डॉक्टरों और नर्सों की संख्या बढ़ाने और उन्हें प्रशिक्षण देने पर भी ज़ोर होगा। मेडिकल सेवा में करियर के बेहतर विकल्प सामने आएंगे। दवाओं और ज़रूरी मेडिकल उपकरणों का उत्पादन देश में करने जैसे कई बदलावों की उम्मीद की जा रही है क्योंकि अब संकट के समय में दूसरे देशों पर निर्भर रहने की आदत छोड़ना होगी।

 

 

लाइफस्टाइल चेंज

लोगों की जीवन शैली में बदलाव दिखने लगा है। खासकर मीडिल क्लास लोगों के कपड़ों की ज़रूरत के बारे में जागरूक दिखा है। इंस्टाग्राम पर संकेत दिखे हैं कि लोग लग्ज़री कपड़ों के बजाय पाजामा जैसे ज़रूरत के कुछ ही सेट कपड़ों में कई दिन गुज़ारने के आदी हो रहे हैं।

चूंकि​ विदेश यात्राओं, पर्यटन, पार्टी और आउटिंग जैसे बहुत से बदलाव समाज देखेगा इसलिए महंगा फैशन भी प्रभावित होगा। साथ ही, ग्लोबल बिजनेस भी प्रभावित होगा बेरोजगारी या आर्थिक हालत भी पहले से कमतर होगी इसलिए यह शौक भी खत्म होगा और ज़रूरतों के लिए खर्च की आदत पड़ेगी

पर्यटन में गिरावट

कोविड 19 के बाद की दुनिया में डर और सावधानी के चलते गैर ज़रूरी उड़ानों पर लगाम लगेगी। सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया में उड़ानें कम होंगी यानी पर्यटन उद्योग में भी गिरावट होगी। टर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन के मुताबिक मई 2020 के अंत तक दुनिया की ज़्यादातर एयरलाइन्स दीवालिया हो जाएंगी।दूसरी तरफ, अब उड़ानें सस्ती नहीं होंगी. हवाई अड्डों पर हेल्थ चेक, सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से उड़ानों में कम यात्री और हर उड़ान के बाद साफ सफाई के लिए खर्च बढ़ने जैसे कई कारणों से उड़ानें बेहद महंगी हो जाएंगी।

ऑफिसों में बदलाव

कोविड 19 के बाद ऑफिस जाएंगे तो बहुत कुछ बदला हुआ होगा। बिल्डिंगों के डिज़ाइन से लेकर बैठक व्यवस्था और व्यवहार तक बहुत कुछ।आर्किटेक्ट्स के अनुसार यह पहली बार नहीं है कि लोक स्वास्थ्य संकट के चलते आर्किटेक्चर और शहरी प्लानिंग में बदलाव दिख रहे हैं। 1954 में कॉलेरा महामारी के बाद लंदन का पूरा आर्किटेक्चर बदला गया था। इधर, टीसीएस वर्क फ्रॉम होम को लंबे समय के विकल्प के तौर पर देख रहा है। अब दफ्तर छोटे और कैबिन बेस्ड डिज़ाइन वाले होंगे। दफ्तरों में टीवी बढ़ेंगे ताकि कॉन्फ्रेंसिंग हो सके ।

ऑनलाइन संपर्क

दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते स्कूलों के बंद करने पर ज़ोर है। इसके चलते टीचरों और छात्रों के बीच ऑनलाइन संपर्क बढ़ा। इससे यह चर्चा शुरू हुई कि क्या यह विकल्प लंबे समय के लिए संभव है।नशिक्षाविद मान रहे हैं कि पैसिव लर्निंग के दिन लद गए। अब ऑनलाइन कोर्स तैयार कर इसी तरह के शैक्षणिक ढांचे तैयार करने होंगे।

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बाहर का खाना बंद

कोविड 19 के बाद की दुनिया में भले ही बाहर जाकर रेस्टॉरेंट में खाने का चलन पूरी तरह खत्म न हो लेकिन सीमित हो ही जाएगा। इसके लिए रेस्टॉरेंट्स को क्रिएटिव और सेहत के लिए फ्रेंडली होना होगा। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि डिजिटल मेन्यू, रेस्तरां के किचन की लाइव स्ट्रीमिंग और वेटरों के चेहरों पर मास्क जैसे कई बदलाव दिखाई देने वाले हैं।

इंसान की कीमत

जीवन में आने वाले बदलावों को लेकर पूंजीवादी नज़रिया क्या है।कोरोना वायरस अब यह समझ पैदा करेगा कि हर काम की कीमत समझी जाए। ऐसे कई कामों की जो अब तक गरीब लोग या औरतें कर रही थीं, अब उन पर फोकस होगा। अब मुनाफा ही नहीं, बल्कि बहुत कुछ होगा, जिसके आधार पर कोई ढांचा खड़ा होगा। चाहे किसी संस्था के स्तर पर हो या व्यक्तिगत स्तर पर। पुरुषों की मानसिकता बदलने की उम्मीद भी की जा सकती है, हालांकि कितनी बदलेगी और वो महिलाओं के काम की कीमत कितनी समझ पाएंगे, यह वक्त बताएगा।

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