20 दिन भारत-चीन हमला: सेना की तैनाती से नहीं डरेगा भारत, फेल हुई सारी साजिशें

भारत-चीन सीमा विवाद कई बार हुई वार्ता के बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। लाइन ऑफ एक्चु्अल पर लगातार तनाव और हिंसक संकेत देती हुई गतिविधियां बढ़ती ही जा रही हैं।

Update:2020-09-16 16:49 IST
सूत्रों से सामने आई खबरों में सेना द्वारा बताया गया, 'पहली घटना 29 से 31 अगस्त के बीच हुई, जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के इलाके में स्थित ऊंचाई पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया था।

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद कई बार हुई वार्ता के बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। लाइन ऑफ एक्चु्अल पर लगातार तनाव और हिंसक संकेत देती हुई गतिविधियां बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर दोनों देशों के बीच सिर्फ बीते 20 दिनों के अंदर गोलाबारी की कम से कम 3 घटनाएं घट चुकी हैं। आपको बता दें, 45 सालों से एलएसी बॉर्डर पर भारत और चीन दोनों ही देशों की तरफ से एक बार भी गोली नहीं चली। ये पहली हो रहा है।

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100 राउंड से ज्यादा फायरिंग

सूत्रों से सामने आई खबरों में सेना द्वारा बताया गया, 'पहली घटना 29 से 31 अगस्त के बीच हुई, जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के इलाके में स्थित ऊंचाई पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया था। दोनों देशों के सैनिकों के बीच फायरिंग की दूसरी घटना 7 सितंबर को मुखपारी चोटी के पास हुई थी।'

फोटो-सोशल मीडिया

 

आगे बताते हुए सेना के सूत्रों ने कहा, 'तीसरी घटना आठ सितंबर को पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर हुई थी। इसमें दोनों पक्षों के सैनिकों ने 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी। इतनी भारी संख्या में गोलीबारी इसलिए हुई क्योंकि चीनी सैनिक बहुत आक्रामक तरीके से व्यवहार कर रहे थे।' ये घटनाएं साफ बताती हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव किस हद तक बढ़ गया है।

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सबसे बड़ी बात

फोटो-सोशल मीडिया

अब सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये घटनाएं ऐसे समय पर हुई हैं, जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को में थे। और यहां उन्होंने अपने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी वार्ता की थी। दोनों के बीच सीमा विवाद से संबंधित मुद्दों पर भी बातचीत हुई थी। दोनों ने इन मुद्दों को कैसे सुलझाया जाए इस पर भी चर्चा हुई थी।

फिलहाल वार्ता के दौरान दोनों ने कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ताओं के आयोजन पर राजी व्यक्त थी। हालांकि, इन वार्ताओं को लेकर चीनी पक्ष ने अभी तारीख और समय तय नहीं किया है। ऐसे में दोनों देशों के बीच अप्रैल-मई से ही सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ताओं के कई दौर आयोजित हो रहे हैं। पर अभी तक कोई मजबूत परिणाम सामने नहीं आए हैं।

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