बढ़ेगा लॉकडाउन! आज रात 8 बजे मोदी करेंगे जनता को संबोधित, मिल सकती हैं ये छूट
इसके अलावा कोरोना संकट के साथ आगे बढ़ने की नीति पर अमल किये जाने की संभावना है। जिसमें शत प्रतिशत मास्क को अनिवार्य करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के कड़ाई से अनुपालन पर जोर दिया जाएगा।
नई दिल्लीः लॉकडाउन की समय सीमा को फिर से बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 मई को समाप्त हो रहे लॉकडाउन को और आगे बढ़ाने का एलान कर सकते हैं। लेकिन यह लॉकडाउन पहले के तीन लॉकडाउन से अलग होगा। पहले लॉकडाउन में जहां कोई छूट नहीं दी गई थी, वहीं दूसरे लॉकडाउन में कुछ छूट दी गई थीं। लेकिन तीसरे लॉकडाउन में रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में क्षेत्रों को बांटकर कुछ शर्तों के साथ ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ रियायतें दी गई थीं।
लेकिन लॉकडाउन-4 इन सब से काफी अलग होगा। इस 40 दिन के लॉकडाउन के बाद भी देश में कोरोना की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जबकि अन्य देशों में इतने लंबे लॉकडाउन के बाद स्थितियां काफी हद तक नियंत्रित हो गई थीं। इस संबंध में यह कहा जा रहा है कि कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में इसलिए सामने आने शुरू हुए हैं क्योंकि देश में जांच की सुविधाएं बढ़ी हैं। हालांकि मरीजों का रिकवरी परसेंटेज लगातार बढ़ रहा है और यह कोरोना से संक्रमित होने वालों की तुलना में बेहतर है।
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक में भी मुख्यमंत्रियों के बीच लॉकडाउन को लेकर विभाजन साफ दिखाई दिया। लेकिन कोरोना के सर्वाधिक मामलों वाले दो राज्यों गुजरात व महाराष्ट्र में लॉकडाउन को लेकर विरोधाभास दिखा। गुजरात जहां लॉकडाउन खोलने के पक्ष में था वहीं महाराष्ट्र लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में।
आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने का बढ़ता दबाव
श्रमिकों की वापसी को लेकर भी राज्यों में विरोधाभास था और शायद इसी को लेकर श्रमिकों की वापसी जोर देना बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि कुछ फैसले बदलने पड़े हैं। दरअसल कर्नाटक और केरल श्रमिकों को सुविधाएं देकर रोकना चाहते हैं। ये दोनो राज्य अपने यहां आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहते हैं।
ऐसे राज्यों की संख्या ज्यादा है जो अपने यहां आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहते हैं क्योंकि समस्या यह है कि अगर सारे मजदूर और श्रमिक लौट जाएंगे तो फैक्ट्रियों और कारखानों का काम ठप हो जाएगा और आर्थिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पाएंगी।
दूसरे सरकार के सामने यह भी समस्या है कि लंबे समय तक देश को लॉकडाउन में रखने से जीडीपी पर बहुत ही नकारात्मक असर पड़ेगा। इसलिए संभावना इसी बात की है कि सरकार लॉकडाउन से बाहर आने का रास्ता खुला रखते हुए प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी और सख्ती की नीति पर अमल करेगी।
इसके अलावा कोरोना संकट के साथ आगे बढ़ने की नीति पर अमल किये जाने की संभावना है। जिसमें शत प्रतिशत मास्क को अनिवार्य करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के कड़ाई से अनुपालन पर जोर दिया जाएगा।