अय्यर के घर हुई बैठक में कांग्रेस नेताओं पर NIA दर्ज करे FIR – अजय अग्रवाल
बीजेपी के वरिष्ठ नेता व सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं और अन्य के पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक करने के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)
नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता व सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं और अन्य के पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक करने के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
अग्रवाल ने एनआईए को लिखी तहरीर में बताया कि इस बैठक के विषय का खुलासा देश के सामने उन्होंने ही सर्वप्रथम मीडिया के माध्यम से नौ दिसम्बर को किया था।अजय अग्रवाल ने बाकायदा तहरीर लिखकर कांग्रेसी नेताओं पर ये आरोप लगाए। उन्होने अपनी तहरीर में लिखा है कि इसके बारे में प्रधानमंत्री को भी लिखा था जिसके बाद 10 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में पालनपुर की चुनावी जनसभा में बोलते हुए इस बैठक की बात को गुजरात के मतदाताओं के समक्ष रखा।अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने कहा कि इसी बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को'नीच आदमी' कहा था।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अपनी तहरीर में लिखा है कि 6 दिसंबर को अय्यर के घर हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद, खुर्शीद कसूरी, कई भारतीय पूर्व राजनयिक और कई पूर्व अधिकारी मौजूद थे।यह बैठक सरकार में हलचल पैदा करने और मौजूदा गुजरात चुनाव को प्रभावित करने के लिए की गई थी।
अग्रवाल ने लिखा है कि पीएम को गाली देना निर्वाचित सरकार के खिलाफ बहुत ही घृणास्पद है। जिस व्यक्ति ने यह कहा था और जो अन्य व्यक्ति जो इस बैठक में उपस्थित थे तथा इस साजिश में लिप्त थे, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 (ए) देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने अपनी तहरीर में आगे लिखा है कि 'जब भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करने पर एक स्टैंड ले रखा है, जब तक कि भारत में वह आतंक को निर्यात करना बंद न करें, तो फिर इन व्यक्तियों को किसने पाकिस्तान के उच्चायुक्त तथा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करने की इजाजत दी।'
अग्रवाल ने आगे लिखा है कि बैठक पूरी तरह राष्ट्र विरोधी साबित होती है और इसलिए संदेह भी पैदा होता है कि यह एक गुप्त ऐजेंडा के साथ गुप्त तरीके से आयोजित हुई थी। बैठक में शामिल खुर्शीद कसूरी 2002 से 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे थे। उनके ही कार्यकाल के दौरान सीमा पर गोली बारी से तीन हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकों की जान गयी थी तथा 1600 से अधिक सैनिकों का बलिदान हुआ था। लगभग 3600 घुसपैठ की घटनाएँ हुयीं थी। 2008 के मुंबई हमले की साजिश भी 2007 में कसूरी के विदेश मंत्री रहते ही रची गयी थी।
मनमोहन सिंह देश के दस वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे तथा उपराष्ट्रपति हामिद अन्सारी भी दस वर्षों तक उपराष्ट्रपति थे इनको देश की सुरक्षा से सम्बंधित बहुत सी खुफिया जानकारी है। इस प्रकार विदेश अथवा गृह मंत्रालय को सूचित किये बिना दुश्मन देश के राजदूत से किसी अन्य निजी आवास पर मिलना देश की सुरक्षा से जुड़ा बहुत गंभीर मामला है।