Election Commission: लोकसभा चुनाव सिर पर, क्या होगा अब आयोग में
Election Commission: उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए देश भर में यात्रा कर रहा था और कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने की उम्मीद थी।
Election Commission: लोकसभा चुनावों की घोषणा का समय करीब है और अचानक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए देश भर में यात्रा कर रहा था और कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने की उम्मीद थी।
8 मार्च को चुनाव आयोग ने संसदीय चुनावों के लिए पूरे भारत में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और आवाजाही पर शीर्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। अरुण गोयल के इस्तीफे के साथ, तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। पिछले महीने चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के सेवानिवृत्त होने के बाद चुनाव आयोग में पहले से ही एक पद खाली था। ऐसे में सीधे तौर पर चुनाव कराने की मुख्य जिम्मेदारी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर ही आ गई है, जो कि उनके लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है।
क्या है प्रक्रिया
आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं। हालांकि जब आयोग 1950 में गठित हुआ तब से और 15 अक्टूबर, 1989 तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था। 16 अक्टूबर, 1989 से 1 जनवरी, 1990 तक यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। लेकिन 2 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर 1993 तक यह फिर एक एकल-सदस्यीय निकाय बन गया। इसके बाद फिर 1 अक्टूबर 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया।
कानून ऐसा कुछ नहीं है कि चुनाव के लिए पूर्ण आयोग होना जरूरी है। पहले भी ऐसा हुआ है कि तीन सदस्यीय आयोग में दो ही सदस्य बचे और उन्होंने ही चुनाव कराया।