हारा पाकिस्तान: भारत की बड़ी जीत, अब पाई-पाई के लिए तरसेगा ये देश

एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की बैठक में पाकिस्तान कुछ महीनों के लिए ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है। आतंकवाद को रोकने के लिए सुझाए गए उपायों पर ठोस कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को अब फरवरी, 2020 तक का वक्त दिया गया है लेकिन तब तक वो ग्रे-लिस्ट में ही रहेगा। 

Update:2023-09-02 08:38 IST

नई दिल्ली : एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की बैठक में पाकिस्तान कुछ महीनों के लिए ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है। आतंकवाद को रोकने के लिए सुझाए गए उपायों पर ठोस कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को अब फरवरी, 2020 तक का वक्त दिया गया है लेकिन तब तक वो ग्रे-लिस्ट में ही रहेगा।

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बस 4 महीनें और बचे...

इन 4 महीनों में अगर पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकी संगठनों की फंडिंग को लेकर कोई कठोर कदम नहीं उठाता है तो 4 महीने के बाद फिर से होने वाली एफएटीएफ की बैठक में उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जा सकता है। और फिर एक बार ब्लैकलिस्ट में चले जाने के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को किसी भी संगठन या संस्था से कर्ज नही मिल पाएगा।

पाकिस्तान ने एफएटीएफ की बैठक में आतंकवाद और उसकी फंडिंग को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान की संबंधित एजेंसियों ने लगभग 5000 बैंक खातों को बंदकर उसमें उपस्थित बड़ी धनराशि को सीज कर लिया है। इस दबाव में पाकिस्तान सरकार की ओर से की गई इस तरह की कार्रवाई से वहां के आतंकी संगठन अब चंद पैसों से लिए भी तरसेगें।

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हजारों बैंक खाते हुए सीज

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान एजेंसियों ने 5000 से ज्यादा बैंक खातों में मौजूद पैसे को जब्त कर खाते को बंद कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, इन खातों में 20 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धनराशि थी।

सबसे ज्यादा सख्त कार्रवाई पंजाब प्रांत में की गई है जहां सबसे ज्यादा बैंक खातों को बंद किया गया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान की तरफ से ज्यादा से ज्यादा संदिग्ध लोगों को आतंकवाद विरोध कानून के जरिए वहां चौथी अनुसूची में रखा गया है और सैकड़ों ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इसके साथ ही पाकिस्तान को इस कार्रवाई पर मजबूर करने का श्रेय भारत की कूटनीति को माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीएफ की संस्था एशिया पैसिफिक ग्रुप का नेतृत्व भारत कर रहा है और एपीजी ग्रुप की बैठक में भारत ने जमात-उद-दावा और फलाहे इंसानियत जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने की मांग की है जिसके आगे पाकिस्तान मजबूर है।

एफएटीएफ की निगरानी में ये देश

बता दें कि आतंकी फंडिंग रोकने में नाकामी पर एफएटीएफ ने कई देशों को निगरानी सूची में रखा है। इन देशों में पाकिस्तान, बहामास, बोत्सवाना, यमन, सीरिया, त्रिनिडाड व टोबैगो, इथोपिया, कंबोडिया, घाना, पनामा, श्रीलंका और ट्यूनिशिया शामिल हैं।

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