Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में अकेले लड़ेगी BJP, नवीन पटनायक से नहीं हो सका गठबंधन

Lok Sabha Election 2024: चर्चा थी कि दोनों पार्टियां गठबंधन करके चुनाव में उतरेंगी मगर अब राज्य में सियासी तस्वीर साफ हो गई है और भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-03-22 19:01 IST

Odisha Chief Minister Naveen Patnaik and PM Modi (Pic:Newstrack)

Lok Sabha Election 2024: ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के साथ भाजपा का गठबंधन नहीं हो सका है। दोनों दलों के बीच लंबे समय से चल रही गठबंधन की बातचीत विफल साबित हुई है। बातचीत विफल होने के बाद भाजपा ने राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी।

ओडिशा में साफ हुई सियासी तस्वीर

ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीज गठबंधन को लेकर कई दिनों से बैठकों का दौर चल रहा था। भुवनेश्वर से लेकर राजधानी दिल्ली तक इस बाबत बातचीत हुई थी। इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि दोनों पार्टियां गठबंधन करके लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उतरेंगी मगर अब राज्य में सियासी तस्वीर साफ हो गई है और भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

लोकसभा-विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पिछले 10 सालों से नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा की बीजू जनता दल पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के प्रसंगों में समर्थन देती आई है, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि अनुभव में आया है कि देशभर में जहां भी डबल इंजन की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कामों में तेजी आई है और राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं। लेकिन आज ओडिशा में मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे ओडिशा के गरीब बहनों-भाइयों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

BJP के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ओडिशा-अस्मिता, ओड़िशा-गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेकों विषयों पर हमारी चिंताएं हैं। 4.5 करोड़ ओडिशावासियों की आशा, अभिलाषा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत तथा विकसित ओडिशा बनाने के लिए भाजपा इस बार लोकसभा की सभी 21 सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

राज्य में दोनों दलों की सियासी ताकत

ओडिशा में लोकसभा की 21 और विधानसभा की 147 सीटे हैं। राज्य में बीजू जनता दल और भारतीय जनता पार्टी दोनों दलों को सियासी रूप से मजबूत माना जाता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल ने 12 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजू जनता दल(BJD) ने 112 और BJP ने 23 सीटों पर कब्जा किया था।

दोनों दलों में पूर्व में रह चुका है गठबंधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 5 मार्च को अपनी ओडिशा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तारीफ की थी। इसके बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया था। राज्य में पूर्व में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन रह चुका है और 15 साल पहले दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ा करते थे। 2009 में दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत नहीं बन सकी थी और गठबंधन टूट गया था।

इसके बाद नवीन पटनायक ने NDA छोड़ने का फैसला किया था। हालांकि 2012, 2017 और 2022 के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में बीजू जनता दल ने NDA का समर्थन किया था। संसद में कई अन्य महत्वपूर्ण मौकों पर भी एनडीए को बीजू जनता दल का समर्थन मिला था। इस कारण इस बार दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चाएं थीं मगर अब इस पर विराम लग गया है।

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