MP में आवारा कुत्तों की नसबंदी: करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी कम नहीं हुई आबादी

देशभर के लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं। वही मध्य प्रदेश के लोग भी कुत्तों के बढ़ते आतंक से खौफ में हैं। आए दिन वह किसी ना किसी को काट लेते हैं।

Update: 2021-03-16 13:40 GMT
इस शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी, 5 साल में खर्च हुए करोड़ों, कम नहीं हुई संख्या

भोपाल: देशभर के लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं। वही मध्य प्रदेश के लोग भी कुत्तों के बढ़ते आतंक से खौफ में हैं। आए दिन वह किसी ना किसी को काट लेते हैं। कभी झुंड के झुंड एक व्यक्ति पर हमला कर देते हैं। ये मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। इस मामले पर सरकार का कहना है कुत्तों की नसबंदी पर वो 5 साल में 17 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

स्ट्रीट डॉग्स का आतंक

मध्य प्रदेश की सड़कों पर भी आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर गली मोहल्ले में ये घूम रहे हैं, कही बच्चों को काटने का मामला सामने आया। स्ट्रीट डॉग्स का आतंक इतना बढ़ता जा रहा है कि मंगलवार को विधानसभा में इसका मुद्दा उठाया गया।

एक माननीय सदस्य ने जब सदन में सवाल उठाया कि आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए सरकार क्या कर रही है। जिसका जवाव सुनकर आप भी चौक सकते हैं। सरकार का कहना था कि प्रदेश के 5 बड़े शहरों में पिछले पांच साल में कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी पर 5 साल में 17 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।

5 बड़े शहरों पर ₹17 करोड़ की राशि

खबरों कि माने तो प्रदेश के 5 बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर में स्ट्रीट डॉग की नसबंदी पर ₹17 करोड़ की राशि खर्च हुई है। जिसमें से सबसे ज्यादा खर्च इंदौर में ज्यादा 7 करोड़ खर्च हुए हैं, भोपाल में छह करोड़ 76 लाख रुपए खर्च किए गए। लेकिन शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पर कोई फर्ज नज़र नहीं आया। बल्कि वह पहले से भी ज्यादा उग्र दिख रहे हैं।

इतने कुत्तों की हुई मौत

सरकार की दी जानकारी के अनुसार इंदौर में 1 लाख 6000 कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ 46 लाख रुपये, भोपाल में 1 लाख 4 हजार कुत्तों की नसबंदी पर छह करोड़ 76 लाख रुपये, जबलपुर में 31 हजार 385 कुत्तों पर एक करोड़ 70 लाख रुपये, उज्जैन में 9000 कुत्तों पर 50 लाख रुपये और ग्वालियर में 13277 कुत्तों की नसबंदी पर 53 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। साथ ही सरकार ने यह भी जानकारी दी कि नसबंदी के दौरान 326 कुत्तों की मौत भी गई।

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उठ रहे सवाल

अब सवाल ये उठ रहा है कि जब 5 बड़े शहरों में 17 करोड़ रुपये खर्च कर के कुत्तों कि नसबंदी कराई गई उसके बाद भी उनकी संख्या में लगतार इजाफा क्यों होता दिख रहा है। ये सिर्फ संख्या में बढ़ोतरी ही नहीं बल्कि बढ़ती संख्या के कारण उनका व्यवहार भी बदल रहा है। वह लोगों पर हमला कर रहे हैं।

आपको बता दें, कि बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कुत्तों की नसबंदी की जिम्मेदारी चार NGO को दी गई है। जो अब सवालों के घेरे में आ खड़े हो गए हैं। इनमे से दो एनजीओ हैदराबाद और दो एनजीओ भोपाल के हैं।

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