बीच रास्ते बदले शव: अस्पताल ने थमाई कोरोना पेशेंट की बॉडी, मचा हड़कंप

मध्य प्रदेश के इंदौर में लापरवाही के चलते शवों की अदला-बदली कर दी गई, जिसके बाद दो परिवारों को परेशानी का सामने करना पड़ा। जिसके बाद परिजनो ने जमकर हंगामा किया।

Update: 2020-09-27 10:27 GMT

इंदौर: कोरोना वायरस काल में जहां लोगों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं, वहीं अस्पताल की वजह से लोगों की परेशानियां और बढ़ती जा रही हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बार फिर अस्पताल द्वारा लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। लापरवाही को लेकर अक्सर सुर्खियां बटोरने वाला इंदौर का हॉस्पिटल ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। अस्पताल प्रबंधन पर एक बार फिर से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

लापरवाही के चलते शवों की हुई अदला-बदली

दरअसल, यहां पर लापरवाही के चलते शवों की अदला-बदली कर दी गई, जिसके बाद दो परिवारों को परेशानी का सामने करना पड़ा। जिसके बाद परिजनो ने जमकर हंगामा किया। जानकारी के मुताबिक, खंडवा में रहने वाले एक बिजनेसमैन की रात में मौत हो गई थी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन की तरफ से सुबह व्यापारी के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। जब परिजन शव के साथ इंदौर से थोड़ी दूर पहुंचे तो उन्हें अस्पताल से कॉल आई की शव गलती से बदल गया है।

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ऐसे हुआ मामले का खुलासा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शवों की अदला बदली का किस्सा तब सामने आया जब महू निवासी एक परिवार अपने कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत के बाद उनका शव लेने अस्पताल पहुंचा। अस्पताल जाने पर पता चला कि वो शव खंडवा निवासी व्यापारी का है। जिसके बाद अस्पताल की तरफ से खंडवा जा रहे शव को वापस बुलाया गया और फिर बीच रास्ते में शवों की अदला-बदली की गई।

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परिजनों ने अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप (फोटो- सोशल मीडिया)

खंडवा निवासी परिजनों ने अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप

वहीं अब इस पूरे मामले में खंडवा निवासी परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि उनके 64 वर्षीय पिता को कोरोना संक्रमण नहीं था, लेकिन उसके बाद भी उन्हें कोविड वार्ड में रखा गया, जबकि महू के बुजुर्ग व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। ऐसे में खंडवा की ओर जा रहे परिजनों ने कोरोना संक्रमित शव के साथ 60 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की थी, जिसके चलते उन्हें और ड्राइवर को कोरोना संक्रमण होने का खतरा पैदा हो चुका है।

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अस्पताल में इलाज ना कराए तो ही ठीक है

वहीं खंडवा की ओर जा रहे परिजनों ने इस पूरे मामले के कई वीडियो भी बनाए हैं, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। वीडियो में परिजनों ने कहा है कि अगर आप ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में इलाज कराने ना जाए तो ही ठीक है। बता दें कि बीते दिनों मशहूर डॉक्टर जीएस मित्तल की मौत भी अस्पताल की तरफ से की गई देरी के चलते हो गई थी। जिसके बाद उनके बेटे ने पलासिया थाने में शिकायत भी दर्ज कराई और अस्पताल प्रबंधक डॉ. अनिल बंडी पर गम्भीर आरोप लगाए गए थे।

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